हिंदुत्व की छवि के बहाने खुद को राजनीति में स्थापित करने की कोशिशों में लगे राज ठाकरे ने 5 जून को अयोध्या जाने का ऐलान किया है. उनकी पार्टी के नेता महाराष्ट्र में पोस्टर लगाकर लोगों को अयोध्या चलने के लिए न्योता दे रहे हैं.
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राज ठाकरे के दावों के बीच शिवसेना ने असली-नकली का खेल शुरू कर दिया है. सोशल मीडिया और पोस्टरों के माध्यम से शिवसेना यह बताने की कोशिश कर रही है कि बाल ठाकरे और हिंदुत्व की असली वारिस वही है, राज ठाकरे नहीं.
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राज ठाकरे की ओर से जारी किए गए पोस्टरों में यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि वह धर्मांध नहीं बल्कि धर्माभिमानी हैं. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना पूरी तरह से यह कोशिश कर रही है कि वह खुद को हिंदुत्व की झंडाबरदार दिखाए और उद्धव ठाकरे को 'धर्मांध' साबित किया जाए.
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राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के इस संघर्ष के बीच बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ऐलान ने सनसनी मचा दी है. बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि राज ठाकरे ने हमेशा उत्तर भारतीयों को अपमानित किया है, इसलिए उन्हें 5 जून को अयोध्या में घुसने नहीं देंगे. बृजभूषण सिंह ने कहा है कि राज ठाकरे को अपने कृत्यों के लिए उत्तर भारतीयों से माफी मांगनी होगी.
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राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे इस बार खुलकर आमने-सामने आ गए हैं. अगर दोनों ही नेता 5 जून को अयोध्या जाते हैं, तो टकराव की स्थिति बन सकती है. बीएमसी और विधानसभा चुनावों के पहले राज ठाकरे हर हाल में खुद को स्थापित करने में लगे हैं. वहीं, उद्धव ठाकरे सरकार की अगुवाई कर रहे हैं और बीएमसी का चुनाव उनके लिए भी प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है. ऐसे में सवाल यही उठता है कि आखिरी ठाकरे बंधुओं की यह जंग कब तक चलेगी?