मंदिर निर्माण के काम में लगे अधिकारियों का कहना है कि मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का काम साल 2023 के अंत तक पूरा हो जाएगा. मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा होते ही इसे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा.
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मंदिर के डिजाइन कंस्ट्रक्शन मैनेजर जी सहस्रभोजनी का कहना है कि 2023 के बाद अगले 9 महीने तक मंदिर के पहले और दूसरे फ्लोर का काम चलता रहेगा. इस दौरान बाकी के हिस्से जनता के लिए खुले रहेंगे और श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेंगे.
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अधिकारियों का कहना है कि राम मंदिर के के सभी पिलर्स पर 16 कलाकृतियां हाथ से बनाई जाएंगी. इन पर इंसानों की आकृतियां उकेर जानी हैं, यही वजह है कि मंदिर खुल जाने के बाद भी पिलर्स पर काम चलता रहेगा. ये कलाकृतियां नागर शैली का हिस्सा हैं.
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गिरीश सहस्रभोजनी ने बताया कि अयोध्या का यह इलाका तेज भूकंप वाले इलाके में आता है. इसीलिए तमाम चीजों को ध्यान में रखते हुए मंदिर निर्माण किया जा रहा है. यही वजह है कि मंदिर का बेस एक ही हिस्से में बड़ी सीमेंटेड चट्टान बनाकर तैयार किया गया है.
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इंजीनियरों का कहना है कि सरयू नदी की वजह से यहां जमीन बहुत धंसती है. इसको ध्यान में रखते हुए ही मंदिर की नींव डाली गई है. मंदिर की नींव इतनी मजबूत रखी गई है कि अगले 1000 सालों तक भी मंदिर टस से मस नहीं होने वाला है.
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हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा था कि विपक्ष के लोग कहते थे 'मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे'. अब तारीख भी तय है, अगले साल 1 जनवरी 2024 को अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा.
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अब राम मंदिर में फर्श का काम हो जाने के बाद 10-10 फीट ऊंचे पिलर रखे जा चुके हैं. इनके ऊपर 10 फीट ऊंचे पिलर और रखे जाएंगे. कुल 166 पिलर्स ऐसे होंगे जिनकी ऊंचाई 20 फीट होगी. 20 फीट की ऊंचाई पर छत डाली जाएगी और राम मंदिर का पहला फ्लोर तैयार हो जाएगा.