किस धर्म को मानता है टाटा परिवार? इस परंपरा से होगा Ratan Tata का अंतिम संस्कार

भारत के रतन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. बुधवार रात को मुंबई अस्पातल में रतन टाटा ने आखिरी सांसें ली.

अनामिका मिश्रा | Updated: Oct 10, 2024, 09:35 AM IST

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भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा को किसी भी परिचय की जरूरत नहीं है. उनकी नेक दिली और व्यक्तित्व के बारे में सभी जानते हैं. 
 

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आपको बता दें कि स्वर्गीय रतन टाटा और उनका परिवार फारसी धर्म को मानते हैं. टाटा भारत का एक अमीर पारसी परिवार है. मूल रूप से नवसारी में एक पुरोहित परिवार है.
 

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रतन टाटा, नवल टाटा के पुत्र थे, जिन्हें रतनजी टाटा ने गोद लिया था.रतनजी टाटा, जमशेदजी टाटा के पुत्र थे और टाटा समूह के संस्थापक भी थे. 
 

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पारसी समुदाय में अंतिम संस्कार के नियम काफी अलग होते हैं. पारसी समुदाय में शव को न तो दफनाया जाता है और न ही जलाया जाता है.
 

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पारसी धर्म में मौत के बाद शव को पारंपरिक कब्रिस्तान जिसे टावर ऑफ साइलेंस या दखमा कहते हैं, वहां खुले में गिद्धों को खाने के लिए छोड़ दिया जाता है.
 

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हालांकि, रतन टाटा का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाजों से ही होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना काल में अंतिम संस्कार के तरीकों में बदलाव किया गया था.