Ratan Tata Passes Away: नहीं रहे रतन टाटा, देश के दिग्गज उद्योगपति ने किए ये 5 बड़े काम जिन्हें भुलाना आसान नहीं

Ratan Tata Dies: देश के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा का निधन हो गया है. उन्होंने 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली. रतन टाटा ने देश के निर्माण में अनगिनत योगदान दिया है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता.

कुणाल किशोर | Updated: Oct 10, 2024, 02:43 AM IST

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कोरोना महामारी ने समूचे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया था. इससे भारत भी अछूता नहीं रहा था. इस संकट के समय रतन टाटा ने देश को 500 करोड़ रुपए की मदद की थी. उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर लिखा था, "कोविड-19 हमारे सामने आने वाली सबसे कठिन चुनौतियों में से एक है. टाटा ट्रस्ट और टाटा समूह की कंपनियां अतीत में भी देश की जरूरतों के लिए आगे आईं हैं. इस समय आवश्यक्ता किसी भी अन्य समय से अधिक है."

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रतन टाटा को कुत्तों से बेहद लगाव था. वह कहते थे कि कुत्तों को मैं अपने परिवार का हिस्सा मानता हूं. कुछ दिनों पहले ही उन्होंने नवी मुंबई में 165 करोड़ की लागत से 5 मंजिला अस्पताल बनवाया था, जिसमें 200 पालतू जानवरों का एक साथ इलाज किया जा सकता है.

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टाटा ग्रुप ने 1998 में टाटा इंडिका लॉन्च की थी, जिसने बिक्री के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. ये पूरी तरह से स्वदेशी कार थी. इसे बाजार में उतारने का आइडिया रतन टाटा का था. इसके लगभग एक दशक बाद उनके नेतृत्व में एक और प्रयोग हुआ और टाटा ग्रुप ने 2008 में नौनो को लॉन्च किया, जिसकी कीमत महज एक लाख रुपए से भी कम थी.

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टाटा इंडिका ने बिक्री के सारे रिकॉर्ड तो तोड़ दिए, लेकिन वो इतना ब्रेकडाउन हो रही थी कि लॉन्च के एक साल बाद ही टाटा ने उसे बेचने का फैसला कर लिया. रतन टाटा इसे बिल फोर्ड को बेचना चाहते थे, लेकिन बिल फोर्ड ने खरीदने से मना कर दिया और साथ ही उनका मजाक भी बनाया. इसके बाद रतन टाटा ने अपना फैसला बदल लिया. एक दशक बाद वक्त ने करवट ली और फोर्ड मोटर्स की हालत खस्ता हो गई. जिस वजह से बिल फोर्ड को अपनी कंपनी बेचनी पड़ी और उसे रतन टाटा ने खरीद लिया.

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टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) भारत ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी सूचना तकनीकी और बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग सेवा देने वाली कंपनियों में से एक है. इसे टाटा ने 2004 में मार्केट में लिस्ट कराया था.