Republic Day 2022: गणतंत्र दिवस के इन रोचक तथ्यों के बारे में कितना जानते हैं आप?

26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था. इस दिन पहली बार भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था.

| Updated: Jan 26, 2022, 07:42 AM IST

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26 जनवरी 1950 को संविधान को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था. 2 साल 11 महीने और 18 दिन बाद संविधान लागू हुआ था. इस दिन भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया था. यही वजह है कि यह दिन भारत के लिए बेहद खास है.
 

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हमेशा गणतंत्र दिवस की परेड राजपथ ही नहीं होती थी. 1950 और 1954 के बीच, गणतंत्र दिवस परेड इरविन स्टेडियम (Irwin Stadium) (अब नेशनल स्टेडियम), किंग्सवे, लाल किला और रामलीला मैदान में आयोजित किए गए थे.

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राजपथ पर 1955 से गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित किए जाते रहे हैं. राजपथ को कभी भारत के तत्कालीन सम्राट जॉर्ज पंचम के सम्मान में किंग्सवे (Kingsway) के नाम से जाना जाता था. आजादी के बाद सड़क का नाम बदलकर राजपथ कर दिया गया, जिसका हिंदी में मतलब किंग्स वे भी होता है.

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हर साल वर्ष, गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि के रूप में किसी विशेष राष्ट्र के नेता को आमंत्रित किया जाता है. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो 1950 में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले पहले व्यक्ति थे. 55 साल में पहली बार यह होगा जब कोई भी अतिथि नहीं आ रहा है.
 

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परेड भारत के राष्ट्रपति के आगमन के बाद शुरू होता है. राष्ट्रपति के घुड़सवार अंगरक्षक पहले राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देते हैं. राष्ट्रगान बजाया जाता है, इसके बाद 21 तोपों की सलामी दी जाती है. हालांकि, फायरिंग के दौरान 21 तोपों की सलामी नहीं दी जाती. शुरुआत भारतीय सेना के सात तोपों के साथ किया जाता है जिन्हें '25-पॉन्डर्स' के नाम से जाना जाता है. इनके जरिए हर राउंड में तीन फायर करते हैं.

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परेड मार्च में तीनों सेनाएं हिस्सा लेती हैं. जांच में हिस्सा लेने वाली सेनाओं को 4 स्तरीय जांच से गुजरना होता है. उनके हथियों का बड़े पैमाने पर निरीक्षण किया जाता है. यह भी देखा जाता है कि कहीं उनके पास जिंदा गोलियां (live bullets) तो नहीं हैं.

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पहली बार गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था. इस दिन भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण किया था और भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था. तब से हर साल 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है.

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भारत अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम पहली बार 23 जनवरी से ही शुरू हो चुका है. सुभाष चंद्र बोस की जयंती से इसकी शुरुआत हो चुकी है. हर साल यह पर्व 24 जनवरी से शुरू होता था. प्रसिद्ध इंडिया गेड पर अमर जवान ज्योति भी नजर नहीं आएगी. अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) में मिला दिया गया है.

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गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं यह बेहद अहम सवाल है. दरअसल 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था. इस दिन पहली बार भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था. 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता था. 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज घोषित करने की तारीख बेहद खास थी. इस दिन को अविस्मरणीय बनाने के लिए 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया.

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हर साल की तरह देश के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में आयोजित समारोह में ध्वजारोहण करेंगे. गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रपति को भव्य परेड की सलामी दी जाती है. अलग-अलग राज्यों में राज्यपाल राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं. वहीं, स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं और राज्यों में मुख्यमंत्री ध्वजारोहण करते हैं. इस साल भी कोरोना प्रतिबंधों के दायरे में यह सब होगा.