Russia के खिलाफ यूरोपीय देश लगा रहे प्रतिबंध, क्या भारत में S-400 की सप्लाई पर पड़ेगा असर?

रूस पर पश्चिमी देशों की ओर से लगातार प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. प्रतिबंधों के बाद भी रूस, यूक्रेन को लेकर अपने आक्रामक रुख पर कायम है.

डीएनए हिंदी: रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच बीते 7 दिनों से भीषण जंग जारी है. रूस के हमलों की वजह से यूरोपीय देश लगातार कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं. रूस भारत का अहम रणनीतिक भागीदार भी है. ऐसे में भारत और रूस के बीच एस-400 (S-400) के प्रभावित होने की बात कही जा रही है. रूस, भारत को एस-400 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम दे रहा है. अहम सवाल यह है कि क्या यह डील पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की वजह से प्रभावित होगी?

किसी भी तरह से S-400 डील नहीं होगी प्रभावित

रूस ने किसी भी तरह की रक्षा डील के प्रभावित होने की बात को खारिज किया है. रूस ने बुधवार को कहा कि भारत को एस-400 मिसाइल डिफेंस प्रणाली की आपूर्ति पर पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों से कोई असर नहीं पड़ेगा. रूस के मनोनीत राजदूत डेनिस अलीपोव यह कहा है.
 

रूस ने दी 100 फीसदी गारंटी

डेनिस अलीपोव ने कहा है कि एस-400 सौदे के संबंध में हम आश्वस्त कर दें कि इस पर किसी भी तरीके से असर नहीं पड़ेगा, यह 100 फीसदी आश्वासन है

भविष्य में ही सामने आ सकेंगे प्रतिबंधों के नतीजे

डेनिस अलीपोव ने कहा कि जहां तक संपूर्ण व्यापार और आर्थिक सहयोग का संबंध है तो हम देखेंगे कि जो कठोर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, उनका आखिरकार क्या असर पड़ेगा. रूस ने साफ किया है कि यह भविष्य में ही पता चलेगा कि इन प्रतिबंधों का असर क्या होता है.

क्या भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध होंगे प्रभावित?

द्विपक्षीय व्यापार पर प्रतिबंधों के असर के बारे में पूछे जाने पर अलीपोव ने कहा कि यह भारतीय साझेदारों के भागीदारी जारी रखने की तत्परता पर निर्भर करेगा.

फिर उठेगा रूस!

जब डेनिस अलीपोव से सवाल किया गया कि क्या पश्चिमी प्रतिबंधों और यूक्रेन में संघर्ष का असर भारत के साथ जारी रक्षा आपूर्ति पर पड़ेगा तो उन्होंने कहा कहा कि प्रतिबंधों के असर को कम करने के लिए तंत्र बनाए गए हैं. उन्होंने कहा रूस हमेशा राख से उठा है. यह एक बार फिर उठेगा. इसमें कोई शक नहीं है. हमने अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं. हमारी अर्थव्यवस्था स्थिर है.