Sikkim floods: 14 की मौत, 102 लापता, हर तरफ जल प्रलय, किस हाल में हैं सिक्किम के लोग? देखिए तस्वीरें

सिक्किम में आई अचानक बाढ़ लोगों के लिए विनाशकारी साबित हुई है. सेना के 23 जवान, इस हादसे में लापता हो गए हैं. सिक्किम का हाल बेहाल है. तस्वीर में देखिए सिक्किम में पानी की विनाशलीला.

बाढ़ और बारिश की त्रासदी से सिक्किम बुरी तरह जूझ रहा है. सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने के कारण 14 लोगों की मौत हो गई और 23 सैन्यकर्मियों समेत 102 लोग लापता हो गए हैं. लोग अपनों की तलाश में हैं. सिक्किम में जल प्रलय आया है.

तीस्ता में आई बाढ़, सिक्किम में मची तबाही

उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील में बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण भारी मात्रा में जल जमा हो गया जो चुंगथांग बांध की ओर बह निकला. जल के तेज बहाव ने बिजली संयंत्र के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया और निचले इलाकों में बसे शहरों और गांवों में बाढ़ आ गई. बाढ़ से राज्य में 11 पुल बह गए जिसमें अकेले मंगन जिले के आठ पुल भी शामिल हैं. वहीं, नामचि में दो और गंगटोक में एक पुल बह गया. 
 

सिक्किम में हर तरफ दिख रहा प्रलय

राज्य के चार प्रभावित जिलों में पानी की पाइपलाइन, सीवर लाइनें और कच्चे एवं पक्के 277 घर क्षतिग्रस्त हो गए. चुंगथांग शहर में बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान हुआ है जिसमें इसका 80 प्रतिशत हिस्सा बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. राज्य के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण राजमार्ग संख्या-10 के कई हिस्सों को भी क्षति पहुंची है. एसएसडीएमए के अनुसार, पाकयोंग जिले में सात लोगों की मौत हुई है जबकि मंगन में चार और गंगटोक में तीन लोगों ने अपनी जान गंवा दी. आपदा में लापता 102 लोगों में से 59 लोग पाकयोंग से हैं जिसमें सैन्यकर्मी भी शामिल हैं. वहीं, गंगटोक से 22, मंगन से 16 और नामचि से पांच लोग लापता हैं. एसएसडीएमए ने बताया कि इस दौरान कुल 26 लोग घायल हुए हैं.
 

22,034 लोग झेल रहे तबाही

सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण  ने कहा है कि बुधवार को आई आपदा के बाद से अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है जबकि 22,034 लोग इससे प्रभावित हुए हैं. इसमें बताया गया कि राज्य सरकार ने आपदा से प्रभावित चार जिलों में 26 राहत शिविर स्थापित किए हैं. 
 

राहत शिविरों में रह रहे हजारों लोग

गंगटोक जिले के आठ राहत शिविरों में कुल 1,025 लोगों ने शरण ली है जबकि 18 अन्य राहत शिविरों में रह रहे लोगों के आंकड़ें अभी उपलब्ध नहीं हुए हैं. हजारों लोग विस्थापित हैं.
 

बचाव में उतरी है सेना

रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि सीमा सड़क संगठन चुंगथांग और मंगन में बचाव कार्यों में राज्य की मदद कर रहा है जहां चार महत्वपूर्ण पुल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. उन्होंने कहा कि बीआरओ ने भारी बारिश और बेहद खराब मौसम के बीच 200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.
 

लापता सैनिकों को तलाश रही है सेना

लापता सैन्यकर्मियों के लिए राहत एवं बचाव अभियान जारी हैं. मंगन जिले में इस आपदा से लगभग 10,000 लोग प्रभावित हुए हैं जबकि पाकयोंग में 6,895, नामचि में 2,579 और गंगटोक में 2,570 लोग प्रभावित हुए हैं. (इनपुट: PTI)

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