Time Most Influential People List: पीएम मोदी के साथ लिस्ट में ये भारतीय दिग्गज भी
टाइम ने बुधवार को ‘2021 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों’ की अपनी वार्षिक सूची जारी की है. इस लिस्ट में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भी शामिल हैं.
डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 23, 2022, 10:23 PM IST
ममता बनर्जी भी 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल हैं. उनके परिचय में कहा गया है, ‘बनर्जी के बारे में कहा जाता है, वह अपनी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस का नेतृत्व नहीं करती हैं – वही पार्टी हैं. सड़क पर उतरकर जुझारू तेवर दिखाने वाली भावना और पितृसत्तात्मक संस्कृति में स्व-निर्मित जीवन उन्हें औरों से अलग बनाता है.’
पूनावाला के परिचय में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत से, दुनिया के सबसे बड़े टीका निर्माता के 40 वर्षीय प्रमुख ने ‘इस पल की जरूरत को पूरा करने की कोशिश की.’ इसमें कहा गया, ‘महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, और पूनावाला अब भी इसे समाप्त करने में मदद कर सकते हैं. टीका असमानता गंभीर है, और दुनिया के एक हिस्से में टीकाकरण में देरी के वैश्विक परिणाम हो सकते हैं – जिसमें और अधिक खतरनाक रूपों के उभरने का जोखिम भी शामिल है.’
सबसे प्रभावशाली नेताओं की सूची में इस बार यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का भी नाम रखा गया है. कॉमेडी की दुनिया से राजनीति में कदम रखने वाले जेलेंस्की इस वक्त बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. रूस पर यूक्रेन के हमले के बाद से वह लगातार अपने देशवासियों का हौसला बढ़ा रहे हैं. उनके नेतृत्व को किसी हीरो की तरह देखा जा रहा है.रूसी हमले के बाद उनकी छवि एक राष्ट्र नायक की तरह बनकर तब सामने आई है. खास तौर पर जब उन्होंने देश छोड़कर भागने का अमेरिकी ऑफर ठुकरा दिया.
100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का भी नाम शामिल है. पिछले साल जनवरी में सत्ता संभालने वाले बाइडन ने अफगानिस्तान से सेना को वापस बुलाने का ऐतिहासिक फैसला लिया है. बाइडेन खुले शब्दों में रूस और पुतिन की आलोचना करने के लिए जाने जाते हैं। यूक्रेन युद्ध के बाद उन्होंने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं.
इस सूची में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भी नाम शामिल है. पुतिन मौजूदा समय में दुनिया के सबसे चर्चित नेता हैं. उन्होंने यूक्रेन पर हमले का फैसला लिया और इसके लिए दुनिया भर की आलोचना और प्रतिबंध झेल रहे हैं. प्रतिबंधों के बावजूद पुतिन अपने रूख पर अडिग हैं. अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ की ओर से इतिहास के सबसे सख्त प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी पुतिन ने झुकने का कोई संकेत नहीं दिया है. डोनबास को रूसी क्षेत्र में मिलाने का इरादा रखने वाले पुतिन अंतरराष्ट्रीय कोर्ट की भी परवाह नहीं कर रहे हैं.