Tirupati laddu विवाद को 10 पॉइंट्स में समझें
आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. बीते कुछ दिनों से लगातार इस पर राजनीतिक बयानबाजी चल रही है.
मीना प्रजापति | Updated: Sep 21, 2024, 09:01 AM IST
गुरुवार को तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने NDDB द्वारा संचालित लैब रिपोर्ट जारी की, जिसमें कथित तौर पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) द्वारा भेजे गए घी के नमूनों में जानवरों की चर्बी की मौजूदगी की पुष्टि की गई. TTD तिरुपति वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करती है. लैब रिपोर्ट में फिश ऑयल, बीफ टैलो (गाय और भैंस का मांस), लार्ड (सुअर के मांस तैयार फैट) की पुष्टि हुई.
शुक्रवार को टीटीडी की कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने कहा कि लैब परीक्षणों में चुने गए नमूनों में जानवरों की चर्बी और 'लार्ड' की की मौजूदगी का पता चला है और बोर्ड उस ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया में है जिसने 'मिलावटी' घी की आपूर्ति की थी. शनिवार को प्रमुख भारतीय डेयरी ब्रांड अमूल ने खुद पर लगने वाले आरोपों पर स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें कंपनी ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को घी की आपूर्ति में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है.
जब आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की जगह चंद्रबाबू नायडू की सरकार आई और लड्डु की गुणवत्ता को लेकर शिकायत की गई तो सरकार ने दो टैंकर घी इस्तेमाल होने से रोक दिया. इस घी का सैंपल लैब में जांच के लिए भेजा गया, जिसमें बीफ टैलो और लार्ड जैसी जानवरों की चर्बी की बात सामने आई है. एसएमएस लैब सर्विस की रिपोर्ट इसी साल जून महीने की है.
आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर के लड्डू में इस्तेमाल की गई अपवित्र सामग्री पर नाराजगी जताई है. कल्याण ने शुक्रवार को कहा कि अब समय आ गया है कि पूरे भारत में मंदिरों से जुड़े सभी मुद्दों पर विचार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अविलंब ‘सनातन धर्म रक्षण बोर्ड’ का गठन किया जाए.
तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम (TTD) ने 12 मार्च 2024 को घी की खरीद का टेंडर निकाला था, जिसमें 8 मई को टेंडर फाइनल हुआ, जिसके बाद तमिलनाडु की एआर डेयरी को ये आर्डर मिला, क्योंकि इस कंपनी 319 रुपए किलो गाय का शुद्ध घी का प्राइस कोट किया था. चंद्रबाबू नायडू सरकार ने ये भी सवाल उठाया कि कंपनी इतने सस्ते दामों में घी क्यों बेच रही थी? पिछली सरकार पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.