Uttarkashi का रैथल गांव, सदियों पुरानी विरासत सहेजे हुए ये लकड़ी और पत्थर से बने मकान
उत्तरकाशी का रैथल गांव नजारों के लिए ही नहीं बल्कि प्रकृति संरक्षण और हैरिटेज के लिए भी दुनिया भर में मशहूर है. यहां की खूबसूरती भी देखने लायक है.
| Updated: Feb 01, 2022, 12:20 AM IST
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घमेरू राणा का यह पुराना मकान सिर्फ पत्थर और लकड़ी से बना है और आज भी रहने लायक है. लकड़ी और पत्थर से बने इस मकान ने 3 बार भूकंप के भारी झटकों को भी झेल लिया है.
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लकड़ी और पत्थर के बने इस घर में जानवरों को रखने के लिए भी अलग से जगह है. उत्तराखंड के मौसम और प्राकृतिक चुनौतियों को देखते हुए इस तरह के घर गांव भर में बनाए गए हैं.
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रैथल गांव में ऐसे ही कई और पुराने घर हैं. काफी पुराने इन लकड़ी और पत्थर से बने घरों को ठंड और भारी बारिश को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. इनकी बनावट इस तरह की है कि भारी बारिश में भी घर से पानी न टपके और ठंड में लोगों को गर्माहट का असर महसूस हो.
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इस गांव के लोगों की हैरिटेज संभालने की इस परंपरा की पहचान अब राज्य के बाहर भी हो चुकी है. दूर-दराज के हिस्सों से लोग इस गांव को देखने के लिए आते हैं. लकड़ी और पत्थर के बने ये मकान पर्यटकों के लिए खास आकर्षण है.