भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार 22 जनवरी को होने वाली बारिश 32 सालों में सबसे ज्यादा थी.
बीते दो दिन से दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में हो रही बारिश ने ठंड और बढ़ा दी है. इतना ही नहीं इस बारिश ने बीते कई सालों का रिकॉर्ड भी तोड दिया है.
1.1989 में हुई थी 79.7 मिलीमीटर बारिश
दिल्ली में इस साल जनवरी में लगभग 70मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है. मौसम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक शनिवार रात 9.30 बजे तक दिल्ली में 69.8mm बारिश हुई. सन् 1989 के बाद से अब तक यह जनवरी महीने में होने वाली सबसे ज्यादा बारिश है. 1989 में 79.7 मिलीमीटर बारिश हुई थी.
2.यहां भी बारिश की संभावना
वहीं मौसम विभाग के अनुसार 3 से 4 फरवरी के बीच बिहार, झारखंड, सिक्किम और पश्चिमी बंगाल में भी बारिश की संभावना जताई गई है.
3.सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ हैं वजह
जानकारों के मुताबिक जनवरी में सक्रिय हुए दो पश्चिमी विक्षोभों की वजह से यह बारिश हो रही है. पश्चिम विक्षोभ को Western Disturbance भी कहा जाता है. यह एक ऐसा विक्षोभ होता है, जो पश्चिम से उठकर पूर्व की ओर आता है. यहां Disturbance या विक्षोभ का मतलब है ऐसा क्षेत्र जहां हवा का दबाव कम होता है. जब हवाएं कम दबाव वाले क्षेत्र में होती हैं और ये कम दबाव वाला क्षेत्र पश्चिम दिशा में होता है तो इसे पश्चिमी विक्षोभ कहा जाता है.
4.AQI में सुधार
इस बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स में भी सुधार दिखा. दिल्ली की एयर क्वालिटी शनिवार को वेरी पुअर यानी बहुत खराब कैटेगरी में रिकॉर्ड की गई. वहीं फरीदाबाद का AQI 330, गुरुग्राम का 304 रिकॉर्ड किया गया. ये भी वेरी पुअर कैटेगरी में आता है.
5.अगले 2-3 दिन ठंड का अनुमान
उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अगले 24 घंटों के दौरान ठंड का कहर बढ़ सकता है. उत्तर-पश्चिम भारत में अगले 2-3 दिन तक धुंध छाई रहने की भी संभावना जताई गई है. नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण 8-9 फरवरी को पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में बारिश होने की भी संभावना है. 8-9 फरवरी को पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में बारिश हो सकती है.