बर्फ की गोद में होने के बाद भी, क्यों गर्म रहता है बद्रीनाथ के तप्तकुंड का पानी?

Badrinath Dham: भारत में सैकड़ों ऐसी जगहें हैं, जो आज भी लोगों के लिए रहस्य बनी हुई हैं. इन्हीं में से एक है, बद्रीनाथ का तप्तकुंड. यह कुंड 10,170 फीट की ऊंचाई पर बर्फ से घिरा हुआ है, इसके बावजूद यहां का पानी हमेशा गर्म ही रहता है.  

Badrinath Temple: दुनियाभर में बद्रीनाथ धाम हिंदू धर्म के चार धामों में से एक है, जहां तप्त कुंड की धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टियों से बड़ी मान्यता है. यह कुंड प्राकृतिक रूप से गर्म पानी का स्रोत है, जो भूतापीय ऊर्जा और सल्फर के कारण हमेशा उबलता रहता है, भले ही बाहर का वातावरण बर्फीला हो. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस कुंड में स्नान करने से शारीरिक कष्ट दूर होते हैं, और बिना स्नान किए बद्री विशाल के दर्शन अधूरे माने जाते हैं. तप्त कुंड को भगवान अग्निदेव का निवास स्थल माना जाता है, और इसके पानी में औषधीय गुण भी होते हैं, जो स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं.

धार्मिक महत्व

बद्रीनाथ धाम हिंदू धर्म के चार धामों में से एक है, और इसकी अत्यधिक धार्मिक मान्यता है. भक्तों का मानना है कि तप्त कुंड में स्नान किए बिना बद्री विशाल के दर्शन अधूरे माने जाते हैं.

तप्त कुंड का रहस्य

तप्त कुंड का पानी हमेशा गर्म रहता है, चाहे बाहर बर्फीला वातावरण हो. यह एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि बर्फ से ढके स्थान पर पानी उबलता कैसे है?

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिक मानते हैं कि भूतापीय ऊर्जा के कारण यह पानी प्राकृतिक रूप से गर्म रहता है. यहां गंधक का एक बड़ा स्रोत है, जो पानी को लगातार गर्म रखता है.

सल्फर और औषधीय गुण

तप्त कुंड के नीचे सल्फर की बड़ी मात्रा मौजूद है, जिससे न केवल पानी गर्म रहता है, बल्कि इसमें औषधीय गुण भी पाए जाते हैं, जो स्नान करने वालों के शरीर के कष्ट दूर करने में सहायक होते हैं.

तप्त कुंड की विशेषताएं

बद्रीनाथ मंदिर के समीप स्थित इस कुंड का पानी साल भर गर्म रहता है. चाहे कितना भी ठंडा मौसम हो, कुंड का पानी कभी ठंडा नहीं होता.

स्नान से लाभ

धार्मिक मान्यता है कि तप्त कुंड में स्नान करने से शरीर की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. इसे भगवान अग्निदेव का निवास स्थल भी माना जाता है. भक्तों के अनुसार, इस कुंड में स्नान करने से शारीरिक थकान, दर्द और अन्य रोग समाप्त हो जाते हैं. यह शुभ और शांति प्रदान करने वाला माना जाता है.