पारसी थे Ratan tata, हिंदू तरीके से क्यों हो रहा अंतिम संस्कार? जानें वजह

Ratan Tata: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. रतन टाटा का अंतिम संस्कार मुंबई के वर्ली में किया जाएगा. उनके अंतिम दर्शन के लिए राजनीतिक नेताओं के साथ कई बॉलीबुड अभेनता और देश के नामी व्यापारी भी पहुंचेंगे.

सुमित तिवारी | Updated: Oct 10, 2024, 10:25 AM IST

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टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा पारसी समुदाय से ताल्लुक रखते थे.  इस हिसाब से उनका अंतिम संस्कार पारसी समुदाय के रीति-रिवाज से होने चाहिए. 

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लेकिन खबर ये है कि उनका अंतिम संस्कार पारसी समुदाय के नियम के अनुसार नहीं बल्कि हिंदु धर्म के अनुसार किया जाएगा. उनके पार्थिव शरीर को शाम 4 बजे मुंबई के वर्ली स्थित इलेक्ट्रिक अग्निदाह में रखा जाएगा.

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पारसी समुदाय में अंतिम संस्कार नियम की बात करें ये बहुत अनोखा होता है. इस धर्म में मौत के बाद शव को पारंपरिक कब्रिस्तान जिसे टावर ऑफ साइलेंस या दखमा कहते हैं, वहां खुले में गिद्धों को खाने के लिए छोड़ दिया जाता है.

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अब भारत के आसमान में यह पक्षी लगभग गायब हो चुका है. कभी कभार एक गिद्ध आसमान में उड़ता हुआ नजर आता है इसलिए अब पारसियों के लिए अब इस परंपरा का पालन करना मुश्किल हो रहा है.
 

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इसी वजह से अब भारत में रह रहे कई परिवार अपने मृतक परिजनों के शवों को हिंदुओं के श्मशान घाट या विद्युत शवदाह गृह में ले जाने लगे हैं.