Yogi Cabinet 2.0 में दोबारा जगह बनाने वाले इन चेहरों पर लखनऊ से दिल्ली तक को भरोसा

उत्तर प्रदेश के सीएम के तौर पर आज दूसरी बार योगी आदित्यनाथ ने शपथ ली है. उनके मंत्रीमंडल में कुछ ऐसे चेहरे हैं जिन्हें दोबारा शामिल किया गया है.

योगी कैबिनेट 2.0 में कुछ ऐसे चेहरे शामिल हैं जिन्हें दोबारा मौका दिया गया है. इनमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की खासी चर्चा हो रही है. दोबारा मंत्री बनाए गए इन नेताओं की अपनी साख और धाख है. ये सभी नेता न सिर्फ लखनऊ और प्रदेश की राजनीति में दखल रखते हैं बल्कि दिल्ली तक इनकी पूछ है. 

अमित शाह के विश्वास का मिला फायदा

केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू से चुनाव हारने के बाद बी डिप्टी सीएम का पद दिया गया है. इसके पीछे की वजह बताई जा रही है. सबसे खास वजह है कि मौर्य पर अमित शाह को काफ़ी भरोसा है. मौर्य उन नेताओं में से हैं जिन्होंने शाह की कोर टीम में काम किया है. इसके अलावा, 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए भी उन्हें डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी दी गई है. वह प्रदेश में बीजेपी का बड़ा ओबीसी चेहरा हैं.

ब्रजेश पाठक का सितारा चमका 

योगी सरकार में इस बार पाठक को उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है जबिक पिछली बार वह कानून मंत्री थे. पाठक बीएसपी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं और पार्टी में 6 ही साल में उनका करियर ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ा है. बृजेश पाठक बीजेपी का बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं. यूपी में मंत्री बनने से पहले लोकसभा और राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. माना जा रहा है कि बड़ा ब्राह्मण चेहरा होने के अलावा पाठक की पकड़ शहरी लखनऊ कैंट में काफी मजबूत है. भविष्य के लोकसभा चुनावों को देखते हुए उन्हें दोबारा बड़ी जिम्मेदारी के साथ मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है.

राजभर समाज के चेहरे के तौर पर अनिल राजभर की वापसी 

अनिल राजभर को एक बार फिर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी मिली है. उन्होंने वाराणसी की शिवपुर सीट से जीत हासिल की है. अनिल राजभर ने  ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को हराया है. उन्हें दोबारा मंत्री पद देने के पीछे माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें प्रदेश के सबसे बड़े राजभर नेता के तौर पर प्रोजेक्ट करने जा रही है. 

राहुल के अच्छे दोस्त का योगी कैबिनेट में बढ़ा कद

जितिन प्रसाद को उत्तर प्रदेश में बड़ा कांग्रेस नेता माना जाता है. उन्हें दोबारा मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है और इसके पीछे कई वजहें हैं. कभी राहुल गांधी के करीबी रहे जितिन प्रसाद ने पिछले साल बीजेपी जॉइन की थी और एमएलसी बने थे. प्रसाद को मंत्री बनाए जाने के पीछे ब्राह्मणों में लोकप्रियता के अलावा उनका केंद्र सरकार में मंत्री रहने का अनुभव और उच्च शिक्षित होना भी बड़ी वजह है. चुनाव के दौरान उन्होंने प्रचार के लिए भी खूब पसीना बहाया था. प्रियंका गांधी की सभाओं के जवाब में उन्होंने जमकर रैलियां, सभाएं, जनसंवाद कार्यक्रम किए थे. 

33 साल से अजेय हैं सुरेश खन्ना

योगी कैबिनेट में एक बार फिर सुरेश खन्ना को जगह मिली है. खन्ना 33 साल से अजेय हैं और उन्होंने शाहजहांपुर सदर से नौंवी बार जीते हैं. खन्ना की अपने क्षेत्र में लोकप्रियता तो उनके जीत के इतिहास से ही समझा जा सकता है. उन्हें प्रदेश में पार्टी को मजबूत बनाने का श्रेय भी दिया जाता है. इसके अलावा, माना जाता है कि पूरे प्रदेश भर में खास तौर पर शाहजहांपुर के आस-पास के इलाके की उन्हें बेहतरीन समझ है.