डीएनए हिंदीः मंबई (Mumbai) के लिए 14 अप्रैल 1944 का दिन किसी बुरे सपने से कम नहीं है. इस दिन देश की आर्थिक राजधानी में भयानक विस्फोट हुआ था जिसे बॉम्बे एक्स्प्लोसन (Bombay Explosion) नाम से जाना जाता है. 78 साल पहले 14 अप्रैल को मुंबई के विक्टोरिया डॉक (Victoria Dock) के बाहर खड़े एक जहाज में आग लगने की वजह से 2 बड़े विस्फोट (Explosion) हुए थे. इस घटना में कुल 1000 लोग मारे गए थे. शहर में बनी इमारतें नष्ट हो गईं थी और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे. जहाज में लगी आग को बुझाने में 3 दिन का समय लग गया था.
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1944 में हुआ था भयंकर विसफोट
1944 के शुरुआती महीनों में द्वितीय विश्व युद्ध ने एशिया को जकड़ा हुआ था. इस दौरान ब्रिटिश मालवाहक जहाज 'फोर्ट स्टिकिन' (Fort Stikine) ब्रिटेन के बीरकेनहेड (Birkenhead) से मुंबई में लड़ाकू विमान और गोल्ड बुलियन ले जा रहा था. रास्ते में फोर्ट स्टिकिन ने कराची से सैकड़ों कपास की गांठें उठाईं थी.
14 अप्रैल की दोपहर में जब जहाज को मुंबई के विक्टोरिया डॉक में खड़ा किया गया, तो उसमें आग लग गई. इस वजह से दो बड़े विस्फोट हुए जिसने मुंबई और आस-पास के इलाकों को हिलाकर रख दिया था. शहर में लगी आग को बुझाने में 72 घंटे का समय लग गया था.
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बेरूत पोर्ट पर हुआ था कुछ ऐसा ही एक धमाका
2 साल पहले यानी 2020 में बेरूत पोर्ट पर भी एक भीषण धमाका हुआ था. इस धमाके में 100 से अधिक लोगों की जान गई थी. बेरूत में हुए धमाके की खबर ने 14 अप्रैल 1994 में हुए विस्फोट की याद दिला दी थी.
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