डीएनए हिंदी: जगह-जगह भूस्खलन और बारिश के चलते इस बार चार धाम यात्रा में काफी मुश्किलें आ रही हैं. इस बीच खबर ये है कि 3 मई से शुरू चार धाम यात्रा में अब तक 41 तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सभी तीर्थयात्रियों से डॉक्टर से सलाह के बाद ही तीर्थ यात्रा पर आने की अपील भी की. सोमवार को 4 तीर्थ यात्रियों की कार्डियक अरेस्ट की वजह से मौत हो गई थी.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इससे पहले चार धाम यात्रा के दौरान 14 तीर्थ यात्रियों की मौत यमुनोत्री के रास्ते में हो गई थी, 4 की गंगोत्री जाते हुए और 15 की मौत की खबर केदारनाथ के रास्ते और 8 की बद्रीनाथ के रास्ते से मिली थी. सोमवार को अल्मोड़ा में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वह पूरी तरह फिट होने पर ही तीर्थयात्रा के लिए आएं. प्रशासन की ओर से साफ संदेश दिया जा रहा है कि फिट ना होने पर यात्रा करने के लिए ना आएं.
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क्या है मौत की वजह
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चार धाम यात्रा के दौरान हुई इन मौतों की वजह हैं हाई ब्लड प्रेशर, कार्डियक अरेस्ट और माउंटेन सिकनेस. स्वास्थय विभाग की निदेशक डॉ. शैलजा भट्ट ने उन श्रद्धालुओं को यात्रा ना करने की सलाह दी है, जो मेडिकली फिट नहीं हैं. यात्रा से पहले यह जानना जरूरी है कि चारों धाम हिमालय की ऊंची पहाड़ियों पर स्थित हैं. ऐसेमें अचानक कम तापमान, कम आर्द्रता, बढ़ी हुई अल्ट्रा वॉयलेट रेज, लो एयर प्रेशर और ऑक्सीजन की कमी कई लोगों के लिए मुश्किल का सबब बन जाती है.
दो साल बाद शुरू हुई चार धाम यात्रा
कोविड-19 की वजह से बीते दो सालों से चार धाम यात्रा काफी बाधित रही थी. अब दो साल बाद यह पूरी तरह खुली है. इस बार पूरे इंतजामों के साथ यह तीर्थयात्रा शुरू हुई है. रविवार तक 5, 20, 321 श्रद्धालु मंदिरों का दर्शन कर चुके थे.
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