Haridwar Hate Speeches: पूर्व सेना प्रमुखों ने राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी, 'एकता को तोड़ने वाले बयान हैं'

| Updated: Jan 01, 2022, 11:44 AM IST

haridwar hate speech

हरिद्वार धर्म सभा में दिए नफरती भाषणों पर 5 पूर्व सेना प्रमुखों ने आपत्ति जताई है. राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में इस घटना पर चिंता जताई है.

डीएनए हिंदी: हरिद्वार धर्म सभा में नफरत वाले भाषणों पर कई जानी-मानी हस्तियों ने नाराजगी जाहिर की है. अब पूर्व 5 सेना प्रमुखों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति जाहिर की है. एनडीटीवी में दी गई पत्र की कॉपी के अनुसार, पूर्व सेना प्रमुखों ने इसे देश के लिए खतरनाक संकेत बताया है. 

पूर्व सेना प्रमुखों ने कहा, 'जो हुआ उससे चिंतित हूं'
सेना के पूर्व 5 प्रमुखों ने अपने पत्र में लिखा कि हम 17 से 19 दिसंबर 2021 में हरिद्वार की धर्म संसद में जो कुछ हुआ उससे चिंतित हैं. साधुओं और दूसरे नेताओं ने धर्म संसद में  बार-बार हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कही. इतना ही नहीं, एक धर्म विशेष के लिए जरूरत पड़ने पर हथियार उठाने की भी बात कही गई. यह जो कुछ भी हुआ, वह बतौर नागरिक डराने वाला और चिंतित करने वाला है. 

'ऐसे भाषणों से राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा'
पत्र में लिखा गया, 'इस तरह के भड़काऊ भाषण का असर सेंट्रल आर्म्ड फोर्सेज और पुलिस फोर्स में काम करने वालों की एकता पर भी पड़ेगा. हमारी बहुरंगी और बहुआयामी समाज की एकता को ऐसे भाषणों से नुकसान पहुंचेगा.'

भड़काऊ भाषणों पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका
बता दें कि इन भाषणों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दी गई है. जमीयत उलमा-ए-हिंद और सामाजिक कार्यकर्ता मौलाना सैयद महमूद असद मदनी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई टिप्पणियों का भी हवाला दिया गया है.