डीएनए हिंदी: आधार कार्ड और वोटर कार्ड को एक-दूसरे से लिंक (Aadhar-Voter ID Link) किए जाने के नियम जल्द ही जारी किए जा सकते हैं. पूर्व केंद्रीय चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) ने अपने रिटायरमेंट के दिन कहा कि आधार कार्ड और वोटर कार्ड को लिंक करवाना वैकल्पिक होगा, लेकिन मतदाताओं को बताना होगा कि वह इसे क्यों लिंक नहीं कर रहे हैं. चुनाव आयोग इसके लिए लंबे समय से प्रयासरत है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि डुप्लीकेट वोटर आईडी खत्म किए जा सकें. चुनाव आयोग की कोशिश है कि एक शख्स के पास सिर्फ़ एक ही वोटर कार्ड रहे.
सुशील चंद्रा ने कहा कि इस संबंध में प्रस्ताव भेज दिया गया है और हमें उम्मीद है कि जल्द ही इसके नियम तय हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि आधार और वोटर कार्ड लिंक करने के फॉर्म भेज दिए गए हैं जिनमें कुछ बदलाव होने हैं. अभी ये फॉर्म कानून मंत्रालय के पास हैं. सुशील चंद्रा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि बहुत जल्दी ही इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी.
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वोटर कार्ड-आधार लिंक न करने वालों को बतानी होगी वजह
उन्होंने यह भी बताया कि अभी यह ऐच्छिक होगा, लेकिन अगर कोई मतदाता अपने वोटर कार्ड से आधार कार्ड को लिंक नहीं करना चाहता तो उसे पर्याप्त वजह बतानी होगी कि वह ऐसा क्यों नहीं करना चाहता. इसमें यह वजह हो सकती है कि उस व्यक्ति के पास आधार कार्ड न हो या कोई और वजह हो. सुशील चंद्रा का मानना है कि वोटर लिस्ट में मौजूद गलतियां हटाने में इससे मदद मिलेंगी और वोटर्स को ज्यादा सुविधाएं भी दी जा सकेंगी.
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सुशील चंद्रा ने बताया कि आने वाले समय में कोशिश की जाएगी कि मतदाता रजिस्ट्रेशन के लिए सिर्फ़ एक तारीख के बजाय साल भर में चार तारीखें दी जाएं. चुनाव आयोग कोशिश कर रहा है कि 18 साल के होने वाले मतदाताओं को जल्द से जल्द मतदाता सूची से जोड़ा जा सके और उन्हें इंतजार न करना पड़े.
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