डीएनए हिंदी: Tamil Nadu News- दक्षिण भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेताओं में से एक और तमिल राजनीति में अपनी अलग जगह बनाने वाले एक्टर-राजनेता विजयकांत का गुरुवार को निधन हो गया. DMDK पार्टी के संस्थापक विजयकांत ने चेन्नई में 71 वर्ष की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली. उनका निधन कोरोना संक्रमण से जुड़ी परेशानियों के कारण हुआ है. विजयकांत का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव निकलने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वे तभी से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे. उन्हें लगातार सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा था. इसी परेशानी के कारण उनका निधन होने की पुष्टि गुरुवार को उनकी पार्टी ने अपने एक्स हैंडल (पहले ट्विटर) पर की है. विजयकांत के निधन को दक्षिण भारतीय सिनेमा के साथ ही तमिल राजनीति के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है. उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर लाया गया है, जहां से उन्हें DMDK के ऑफिस ले जाया जाएगा.
नवंबर में भर्ती हुए थे अस्पताल में
विजयकांत को नवंबर महीने की शुरुआत में सेहत खराब होने के बाद चेन्नई के MIOT हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. वे लगातार खांसी और गले में दर्द की शिकायत से जूझ रहे थे. उन्हें डॉक्टरों ने 14 दिन तक अपनी निगरानी में रखने के लिए अस्पताल में भर्ती किया था, जहां उनका कोविड-19 टेस्ट कराया गया था. यह टेस्ट पॉजिटिव निकला था. तबीयत लगातार खराब होने के बाद विजयकांत को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था, लेकिन उनकी सेहत में सुधार नहीं हो पाया और आखिरकार उनका निधन हो गया है.
'कैप्टन' के नाम से मशहूर विजयकांत का बड़ा एक्टिंग करियर
विजयकांत आम लोगों के बीच 'कैप्टन' के नाम से मशहूर थे. उन्हें तमिल फिल्म इंडस्ट्री के सबसे सफल एक्टर्स में एक माना जाता है. राजनीतिक जीवन शुरू करने से पहले अपने एक्टिंग करियर में उन्होंने 154 फिल्मों में काम किया था. विजयकांत ने नादिगर संगम (साउथ इंडियन आर्टिस्ट्स एसोसिएशन SIAA) में भी अहम पदों पर काम किया. उन्हें दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में अभूतपूर्व बदलाव लाने वाले के तौर पर याद किया जाता है.
2005 में राजनीति में रखा था कदम
विजयकांत ने साल 2005 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा था. उन्होंने अपनी पार्टी देसीय मुरपोक्कू द्रविड़ कजगम (DMDK) की स्थापना की थी. साल 2006 में DMDK ने तमिलनाडु में सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा और कुल वोट शेयर में 10 फीसदी की हिस्सेदारी हासिल की. हालांकि खुद विजयकांत समेत पार्टी का कोई भी कैंडिडेट चुनाव जीतने में सफल नहीं हो सका. साल 2011 में जयललिता की पार्टी अन्नाद्रमुक (AIADMK) के साथ गठबंधन कर चुनाव में उतरी DMDK ने 41 सीट पर चुनाव लड़ा और 26 पर जीत हासिल की. इसे ऐतिहासिक माना गया था, क्योंकि कैप्टन की पार्टी ने DMK से भी ज्यादा सीट हासिल की थी और मुख्य विपक्षी दल के तौर पर सामने आया था. विजयकांत सत्ताधारी पार्टी के साथ गठबंधन में रहते हुए ही 2011 से 2016 तक सदन में नेता विपक्ष भी रहे थे.
2016 से आया था राजनीतिक ढलान का दौर
बाद में उन्होंने जयललिता के साथ वैचारिक मतभेद के नाम पर गठबंधन तोड़ दिया था, जिसके बाद बड़ी संख्या में उनके विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर AIADMK का दामन थाम लिया था. इससे उनकी पार्टी मुख्य विपक्षी दल का दर्जा खो बैठी थी. इससे उनकी पार्टी के राजनीतिक ढलान का दौर शुरू हो गया था. विजयकांत ने विरुद्धाचलम और ऋषिवंदियाम सीटों से दो बार विधायक के तौर पर चुनाव जीता था. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में DMDK ने भाजपा नेतृत्व वाले NDA में रहकर हिस्सेदारी की थी, लेकिन उसे बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 2016, 2019 और 2021 के लोकसभा व विधानसभा चुनावों में भी विजयकांत की लगातार गिरती सेहत के कारण DMDK का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा था.
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