Adani Hindenburg Case: सुप्रीम कोर्ट का सीलबंद लिफाफे में केंद्र का सुझाव लेने से इनकार, सिटिंग जज नहीं होंगे कमेटी का हिस्सा

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 17, 2023, 04:42 PM IST

Adani Group Controversy

Supreme Court Hearing On Adani Hindenburg Case: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में पूरी तरह से पारदर्शिता चाहते हैं.

डीएनए हिंदी: अडानी-हिंडनबर्ग मामले (Adani Hindenburg Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में शुक्रवार को सुनवाई हुई. इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कमेटी के सदस्यों के नाम के सुझाव का सीलबंद लिफाफा सुप्रीम कोर्ट को सौंपा. इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार के सुझाव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि हम पूरी तरह से पारदर्शिता चाहते हैं. हम नहीं चाहते पक्षपात का आरोप लगे. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि सर्वोच्च अदालत के सिटिंग जज को कमेटी का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि वह निवेशकों के हितों में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखना चाहती है और वह सीलबंद लिफाफे में केंद्र सरकार के सुझाव को स्वीकार नहीं करेगी. बेंच ने कहा, ‘हम सीलबंद लिफाफे में आपके सुझावों को स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि हम पारदर्शिता बनाए रखना चाहते हैं.’ 

कमेटी बनाने का फैसला रखा सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाने का फैसला फिलहाल सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में आदेश जारी करेगा, जिसमें कमेटी के बारे में जानकारी साझा की जाएगी. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि आम निवेशकों के हितों की रक्षा, इसके लिए सुरक्षा नियामक और मजबूत कैसे किए जाए इसको लेकर कमेटी काम करेगी.

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 10 फरवरी को कहा था कि अडानी ग्रुप के शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट की पृष्ठभूमि में भारतीय निवेशकों के हितों को बाजार की अस्थिरता को देखते हुए संरक्षित करने की आवश्यकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र से नियामक तंत्र को मजबूत बनाने के लिए एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में क्षेत्र के विशेषज्ञों की एक समिति बनाने पर विचार करने को कहा था. 

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वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप के शेयरों की कीमतों में हाल में गिरावट की अदालत की निगरानी में जांच जैसी राहत के अनुरोध वाली जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के लिए आगे बढ़ा दिया है. उच्चतम न्यायालय ने स्टॉक एक्सचेंज के लिए नियामक उपायों को मजबूत बनाने की खातिर विशेषज्ञों की समिति की गठित करने पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है.

सुप्रीम में दायर की गईं 3 याचिकाएं
वकील एम एल शर्मा और विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और कार्यकर्ता मुकेश कुमार ने अब तक सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर चार जनहित याचिकाएं दायर की हैं. हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ कई आरोप लगा जाने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों की कीमतों में काफी गिरावट आई है. हालांकि, समूह ने उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज किया है.

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