'सरकार ने 20 बिल पेश कर 22 किए पास घोषित' Adhir Ranjan के मोदी सरकार पर आरोप, सस्पेंशन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 12, 2023, 03:33 PM IST

Adhir Ranjan Chowdhury ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

Adhir Ranjan Chowdhary Suspension: लोकसभा में कांग्रेस के नेता सदन अधीर रंजन चौधरी को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा वाले दिन सस्पेंड कर दिया गया था. चौधरी ने मोदी सरकार पर मणिपुर के मुद्दे की अनदेखी का आरोप लगाया है.

डीएनए हिंदी: Monsoon Session 2023- संसद का मानसून सत्र खत्म होने से एक दिन पहले लोकसभा से सस्पेंड कर दिए गए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. लोकसभा में कांग्रेस के नेता सदन चौधरी ने शनिवार को अपने सस्पेंशन को गलत बताते हुए इसे टॉप कोर्ट में चुनौती देने की बात कही. चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मणिपुर हिंसा के मुद्दे की अनदेखी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर के मुद्दे पर सदन को कोई आश्वासन नहीं दिया. साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार पर संसदीय नियमों का मजाक उड़ाने का भी आरोप लगाया और कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सरकार ने लोकसभा में 20 बिल पेश किए और 22 को पारित घोषित कर दिया.

'मणिपुर पर महज 3 मिनट बोले पीएम'

अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि हम केवल मणिपुर के मुद्दे पर संसद में प्रधानमंत्री का पक्ष सुनना चाहते थे. हमारी इससे ज्यादा मांग नहीं थी. प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर संसद में बोलने से बचते रहे. इस कारण उन्हें संसद में लाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाना हमारा आखिरी हथियार था. पीएम इतने ज्वलंत मुद्दे पर महज 3 मिनट ही बोले. वह महज लंबे भाषण का रिकॉर्ड बनाना चाहते थे. हिंसाग्रस्त मणिपुर में शांति लाने के लिए पीएम ने सदन को कोई आश्वासन नहीं दिया.

'अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बिल कैसे पेश हुए'

अधीर रंजन ने सरकार पर संसदीय नियमों की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि नियमानुसार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा पूरी होने तक सदन में कोई बिल पेश नहीं हो सकता. मौजूदा सरकार ने इस परंपरा की धज्जियां उड़ाते हुए एक के बाद बिल पेश कर दिए. सदन में 20 बिल पेश किए गए और 22 को पारित घोषित कर दिया. किसी भी बिल पर विपक्ष को बात तक नहीं रखने दी गई. ऐसा नजारा जिंदगी और संसद के इतिहास में नहीं देखा था. देश के कोने-कोने से आने वाले सदस्यों को अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया गया और सत्र खत्म हो गया.

सस्पेंशन को सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती

अपने सस्पेंशन के बारे में पूछे जाने पर अधीर रंजन ने इसे अनूठी घटना बताया. उन्होंने इसे विपक्ष की आवाज दबाने का तरीका बताया. उन्होंने कहा, इससे संसदीय लोकतंत्र की भावना को कमजोर करने की कोशिश की गई है. जब उनसे मनीष तिवारी के उस बयान के बारे में पूछा गया, जिसमें सस्पेंशन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही गई थी तो अधीर रंजन ने कहा कि जरूरत पड़ी तो हम ऐसा जरूर करेंगे.

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