नए पड़ाव पर आदित्य L1, फाइनल ऑर्बिट में लेगा एंट्री, मिशन के लिए तैयार ISRO

Written By अभिषेक शुक्ल | Updated: Jan 05, 2024, 08:59 AM IST

Aditya L-1

बीते साल 2 सितंबर को ISRO ने Aditya L1 मिशन लॉन्च किया था. अब देश का यह अहम मिशन, अगले पड़ाव पर पहुंचने वाला है.

डीएनए हिंदी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) का महत्वाकांक्षी मिशन आदित्य एल-1 अपने अहम पड़ाव पर पहुंचने वाला है. 6 जनवरी की शाम इसरो आदित्य-एल1 को अंतिम ऑर्बिट में स्थापित करेगा. यह मिशन 2 सितंबर 2023 को लॉन्च हुआ था. 

आदित्य-एल1 लैग्रेंज प्वाइंट 1 के चारों ओर 'हेलो ऑर्बिट' के पास पहुंचने वाला है. यह सन-अर्थ सिस्टम की 5 जगहों में से एक है, जहां दो पिंडो का गुरुत्वाकर्षण एक-दूसरे को संतुलित करने की स्थिति में होता है. ये जगहें धरती और सूर्य के सापेक्ष अपेक्षाकृत स्थिर हैं. इसी प्वाइंट से आदित्य-एल1 सूर्य का सटीक अध्ययन कर सकता है.

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अब सूर्य के रहस्य सुलझाएगा आदित्य-एल1
L1 प्वाइंट पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर है. यह पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुल दूरी का केवल 1 प्रतिशत है. इसरो के एक अधिकारी ने कहा है कि आदित्य L1 पहले ही L1 बिंदु पर पहुंच चुका है, 6 जनवरी को यह उस ऑर्बिट में पहुंच जाएगा, जहां इसे होना चाहिए. यह सूर्य की ओर यात्रा करता रहेगा. 

क्यों इस ऑर्बिट में जा रहा है आदित्य-एल1
L1, दूसरे लैंग्वेज प्वाइंट से अपेक्षाकृत स्थिर स्थिति है, लेकिन अंतरिक्ष यान को उस स्थान पर मजबूती से स्थिर रखना मुश्किल है. इस बिंदु के चारों ओर एक ऑर्बिट में जाना चुनौतीपूर्ण है, जिसे 'हेलो ऑर्बिट' कहा जाता है. इस त्रि-आयामी कक्षा में जाने से अंतरिक्ष यान को कई अलग-अलग एंगल से सूर्य का अध्ययन कर सकेगा.
 

आदित्य L1, L1 बिंदु के चारों ओर एक ऐसे ऑर्बिट में पहुंचेगा, जहां जैसे-जैसे पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है, L1 बिंदु भी घूमेगा. हेलो ऑर्बिट की संकल्पना भी ऐसी ही है. इस कक्षा में पहुंचना काफी चुनौतीपूर्ण है और यह पहली बार है कि इसरो इस तरह का प्रयास कर रहा है.

कई तस्वीरें भेज चुका है आदित्य एल-1
बुधवार तक, आदित्य एल-1 ने अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक 124 दिन पूरे कर लिए थे. 18 सितंबर से, अपनी यात्रा के केवल 16 दिन बाद, आदित्य ने वैज्ञानिक डेटा एकत्र करना और सूर्य की इमेजिंग शुरू कर दी थी. वैज्ञानिकों ने अब तक सौर ज्वालाओं के हाई एनर्जी एक्स रे, कंप्लीट सन डिस्क इमेज और दूसरे कई झलकों को हासिल किया है.

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आदित्य एल-1 के पास सात साइंटिफिक पेलोड हैं जिनमें विजिबल एमिशन लाइन कोरोनोग्राफ (VELC), सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT), सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (SoLEXS), हाई-एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (HEL1OS) शामिल हैं. ये सूर्य पर नजर रखेंगे.

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