डीएनए हिंदीः एएफएसपीए (AFSPA) कानून में बदलाव को लेकर पिछले काफी समय से चर्चा चल रही है. हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने इस कानून के तहत आने वाले क्षेत्र को कम करने की घोषणा की थी. गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर कहा कि एएफएसपीए कानून असम के पहाड़ी क्षेत्रों में मौजूद रहेगा जहां अभी भी स्थिति में सुधार आना बाकी है.
असम के 60% क्षेत्र से हटेगा AFSPA
असम का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 78,438 वर्ग किमी है. पहले यह पूरा क्षेत्र अशांत क्षेत्र में था लेकिन अब सिर्फ 31,724.94 वर्ग किमी क्षेत्र को अशांत माना गया है. हिमंत बिस्व सरमा ने आगे लिखा कि नौ जिलों और एक अनुमंडल को छोड़कर असम आज आधी रात से AFSPA को पूरी तरह से वापस ले लेगा. AFSPA असम के 60% क्षेत्र से वापस ले लिया जाएगा.
आज आधी रात से पूरे निचले, मध्य और उत्तरी असम से एफएसपीए वापस ले लिया जाएगा. 1990 में असम को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया था. तब से यहां AFSPA लागू था. 1990 से अब तक असम की सरकार 62 बार यहा कानून लगा चुकी है.
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उन्होंने आगे लिखा कि आज पीएम मोदी ने AFSPAको इस क्षेत्र से वापस लेने का साहसिक निर्णय लिया है. हमने आजादी के 50 साल बाद मेघालय के साथ सीमा संधि पर हस्ताक्षर किए हैं. अगले चरण की चर्चा अप्रैल में शुरू होगी. हम अरुणाचल प्रदेश के साथ गंभीर बातचीत करेंगे. इस अमृत काल के दौरान हम असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के साथ अपनी सीमा की समस्याओं को सुलझाना चाहते हैं.
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गृह मंत्री अमित ने की थी घोषणा
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने नागालैंड, असम और मणिपुर एएफएसपीए के तहत लगाए गए अशांत क्षेत्रों को कम करने की घोषणा की थी. अमित शाह ने ट्विवटर पर लिखा कि "एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारत सरकार ने पीएम मोदी के नेतृत्व में राज्यों में एएफएसपीए के तहत आने वाले क्षेत्रों को कम करने का निर्णय लिया है.
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