युगांडा के बाद राजधानी Delhi में सबसे ज्यादा दिन बंद रहे स्कूल, ये रहीं वजहें

| Updated: Dec 16, 2021, 06:06 PM IST

School

UNESCO के डेटा के अनुसार, युगांडा (Uganda) के बाद दुनिया में सबसे ज्‍यादा दिन तक स्‍कूल बंद रहने का रिकॉर्ड दिल्‍ली के नाम हो गया है.

डीएनए हिंदी: दिल्ली में पिछले दो सालों से स्कूल नहीं खुले हैं. कभी कोरोना (Corornavirus) तो कभी वायु प्रदूषण (Air Pollution) के चलते राजधानी के बच्चे घरों में बंद रहने को मजबूर हैं. इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है. वहीं इन छुट्टियों के चलते दिल्ली ने नया रिकॉर्ड बनाया है. युगांडा के बाद स्कूल बंद रखने के मामले में राजधानी दूसरे नंबर पर है. 

युगांडा के बाद दिल्ली में सबसे ज्यादा स्कूल बंद

UNESCO के डेटा के अनुसार, युगांडा (Uganda) के बाद दुनिया में सबसे ज्‍यादा दिन तक स्‍कूल बंद रहने का रिकॉर्ड दिल्‍ली के नाम हो गया है. यहां अब तक करीब 600 दिन स्कूल बंद रहे हैं और अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो वो दिन दूर नहीं जब दिल्ली युगांडा को भी पीछे छोड़ देगी. ये जानकारी दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तरफ से दी गई है.

ये भी पढ़ें- Supreme Court ने दी महाराष्ट्र में Bull Race को इजाजत, 2014 में लगाई थी रोक

टूटने लगा है पैरेंट्स का सब्र 

दरअसल एक बार फिर स्कूल खोलने की मांग तूल पकड़ने लगी है. इसे लेकर DCPCR अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में बताया गया है कि स्कूल बंदी को लेकर बच्चों के पैरेंट्स का सब्र टूटने लगा है. सैकड़ों अभिभावकों ने स्कूल खोलने की वकालत की है. 

'स्कूल बंदी का कोई फायदा नहीं'

कुंडू ने यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के एनर्जी पॉलिसी इंस्टिट्यूट की एक स्‍टडी का हवाला देते हुए कहा कि बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए स्कूलों को बंद किया गया था लेकिन इससे कोई मदद नहीं मिली है. चिट्ठी में उन्होंने लिखा, 'स्‍कूल खराब एयर क्‍वालिटी का हवाला देकर बंद किए गए थे ताकि बच्‍चों को गंभीर हालात से बचाया जा सके. एनर्जी पॉलिसी इंस्टिट्यूट की दो साल तक चली स्‍टडी बताती है कि दिल्‍ली में इनडोर पलूशन का स्‍तर भी चिंताजनक है और विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) की सीमाओं से कहीं ज्‍यादा है. चूंकि इनडोर और आउटडोर प्रदूषण में कोई खास फर्क नहीं है, स्‍कूल बंद करना फिजूल है.'

ये भी पढ़ें- Vijay Diwas: 1971 में सैनिकों ने जंग जीती, राजनेताओं ने शिमला एग्रीमेंट टेबल पर मानी हार: Anil Vij

वहीं दिल्ली के 500 परिवारों की ओर से भी CAQM को चिट्ठी भेजी गई है. पैरेंट्स का कहना है कि स्कूलों के बंद होने से छात्रों के भविष्य पर घहरा असर पड़ रहा है. उनके सामने समाजिक, भावानात्मक और मनोवैज्ञानिक समस्या आ रही हैं. अब फैसला कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट को करना है कि राजधानी के स्कूल कब तक खुलेंगे.