जामा मस्जिद से बाहर आएंगे भगवान श्रीकृष्ण, पढ़ें इस मामले में दायर याचिका पर क्या है कोर्ट की राय

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 19, 2023, 08:52 AM IST

आगरा की जामा मस्जिद.

कृष्ण जन्मसेवा संस्थान ने 11 मई को एक याचिका दायर की थी. अब कोर्ट ने कुछ संस्थाओं को नोटिस जारी किया है.

डीएनए हिंदी: आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबी भगवान केशवदेव की मूर्ति को बरामद करने के लिए एक संस्था ने कोर्ट में अर्जी दी है. श्री कृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट ने कोर्ट में एक अर्जी दी है, जिसके बाद आगरा कोर्ट ने सोमवार को यूपी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और दूसरे पक्षों को एक नोटिस जारी किया है.

हिंदू संगठन ने आगरा की अदालत से आग्रह किया है कि आगरा किले के परिसर में स्थित एक मस्जिद की सीढ़ियों की खुदाई का आदेश दिया जाए. श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट आगरा के अध्यक्ष पीयूष पाण्डेय व दो अन्य के माध्यम से आगरा के सिविल जज (की अदालत में याचिका दायर की गई है.

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1670 में औरंगजेब ने किया कृष्ण मूर्तियों को ध्वस्त

कोर्ट में दायर याचिका में दावा किया गया है कि मुगल सम्राट औरंगजेब द्वारा कृष्ण की मूर्तियों को आगरा लाया गया था, जिसने 1670 में मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर को कथित रूप से ध्वस्त कर दिया था.

ASI द्वारा संरक्षित है यह किला

आगरा किले में दीवान-ए-खास में छोटी या बेगम साहिबा मस्जिद के रूप में जानी जाने वाली मस्जिद में खुदाई की मांग की गई है. यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित है.

याचिका में किन लोगों को बनाया गया है पक्षकार?

श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट ने इस महीने की शुरुआत में याचिका दायर की है.
शाही मस्जिद, आगरा किला, आगरा की इंतेजामिया (प्रबंधन) समिति, छोटी मस्जिद दीवान-ए-खास जहाआरा बेगम मस्जिद, आगरा किला; उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को मुकदमे में पक्षकार बनाया गया है.

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याचिका पर क्या बोल रहे हैं धार्मिक उपदेशक?

श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के मार्गदर्शन में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की देखरेख करता है. एक हिंदू धार्मिक उपदेशक देवकी नंदन ठाकुर ने कहा, हमने इन मूर्तियों को सीढ़ियों से हटाने और मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि वापस लाने के लिए अदालत से राहत मांगी है.

कब होगी मामले की अगली सुनवाई?

याचिकाकर्ता ने छोटी मस्जिद की सीढ़ियों पर आवाजाही पर भी रोक लगाने की मांग की, लेकिन अदालत ने रोक लगाने से इनकार कर दिया और सुनवाई की अगली तारीख 31 मई तय की.

याचिका पर क्या कह रहे हैं लोग?

आगरा में कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव अहमद ने कहा, इसका उद्देश्य प्रचार और शहर की शांति भंग करना अधिक प्रतीत होता है. स्थानीय इस्लामिया एजेंसी के अध्यक्ष मोहम्मद जाहिद ने कहा, हमें अभी तक आगरा की अदालत में मामले के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है. इसी तरह के एक मुद्दे पर मामला मथुरा की एक अदालत में पहले से ही लंबित है. (इनपुट: IANS)

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