India-Pakistan के बीच बन रही धार्मिक यात्राओं पर सहमति, श्रद्धालुओं के लिए आ सकती है खुशखबरी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 30, 2022, 08:16 AM IST

भारत पाकिस्तान के बीच धार्मिक यात्राओं को लेकर एक सहमति बनती नजर आ रही है. दोनों देश इस मुद्दे पर जल्द ही चर्चा कर सकते हैं.

डीएनए हिंदी: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) करतारपुर साहिब कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) खोलने को लेकर लगातार श्रेय लेने की कोशिश करते रहते हैं लेकिन अब उन्होंने इसके बदले में भारत (India) में श्रद्धालुओं के आने का प्रस्ताव भेजा है. पाक सरकार (Pakistan Government) चाहती है कि भारत में श्रद्धालुओं को आने दिया जाए. ऐसे में भारत सरकार भी भारतीयों के पाकिस्तान स्थित हिंदू मंदिऱों के दर्शन के लिए शर्त रख चुकी है. दोनों देशों की इस बातचीत का सकारात्मक पहलू यह है कि द्विपक्षीय तौर पर धार्मिक यात्राएं सुगम हो सकती हैं. 

पाक ने भेजा प्रस्ताव

दरअसल, इमरान सरकार ने प्रस्ताव भेजा कि श्रद्धालुओं को भारत में हवाई यात्रा की अनुमति दी जाए. पाकिस्तान चाहता है कि भारत उसके तीर्थयात्रियों को अजमेर शरीफ, निजामुद्दीन दरगाह समेत कई धर्मस्‍थलों पर जाने की इजाजत दे. गौरतलब है कि अभी दोनों देशों के ठंडे रिश्‍तों की वजह से मात्र अटारी-वाघा लैंड बॉर्डर (Wagah-Attari Border) और करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) के जरिए ही श्रद्धालुओं का आवागमन होता है. 

वहीं पाक सरकार के इस प्रस्ताव पर भारत ने जवाब में कहा है कि वो बातचीत को तैयार है मगर और धर्मस्‍थलों को एक-दूसरे के नागरिकों के लिए खोला जाना चाहिए. इसमें वह हिंगलाज मंदिर भी शामिल है, जो पाकिस्तान में कट्टरपंथियों के निशाने पर सबसे ज्यादा है. पिछले 22 महीने में इस मंदिर पर 11 हमले हो चुके हैं. ऐसे में इन मंदिरों में भारतीय श्रद्धालुओं के जाने की बातचीत भी है सकती है. 

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बातचीत को तैयार है भारत

वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अरिंदम बागची ने मीडिया के सामने इस प्रस्ताव को लेकर अहम टिप्पणियां की हैं. उन्‍होंने कहा कि भारत पाकिस्‍तान के साथ उन धर्मस्‍थलों की सूची के विस्‍तार पर चर्चा को राजी है जहां दोनों देशों के श्रद्धालु 1974 के 'धार्मिक स्‍थलों की यात्रा के प्रोटोकॉल' के अनुसार जा सकते हैं. उन्होंने कहा, 'मैं यह रेखांकित करना चाहता हूं कि इस विषय पर भारत का रुख सकरात्‍मक है और वह पाकिस्‍तानी पक्ष से बातचीत का इच्‍छुक है.'

बन सकती है सहमति 

गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच तल्ख रिश्तों के बीच धार्मिक यात्राओं को लेकर प्रस्तावों पर बातचीत सकारात्मक है. ऐसे में यदि यह बातचीत सफल होती है तो दोनों देशों के बीच कूटनीति की एक नई शुरुआत हो सकती है. हालांकि इस मुद्दे पर कुछ भी अनुमान लगाना जल्दबाजी ही माना जाएगा क्योंकि दोनों देशों के बीच राजनीतिक स्तर पर गहरा टकराव दिखता है.

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