डीएनए हिंदी: गुजरात की एक स्पेशल कोर्ट ने साल 2008 के अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट मामले में 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई है. इस केस में 15 फरवरी को अदालत ने सुनवाई पूरी की थी. केस की सुनवाई स्पेशल जज एआर पटेल की अदालत में हुई है. 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद शहर में एक के बाद एक सिलसिलेवार धमाके हुए थे.
अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को हुए सिलसिलेवार बम धमाके में, 70 मिनट के भीतर 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक घायल हो गए थे. कोर्ट में 13 साल से भी ज्यादा समय तक मामला चलने के बाद, बीते सप्ताह 49 लोगों को दोषी ठहराया गया था वहीं 28 अन्य को बरी कर दिया गया था.
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किन कानूनों के तहत हुई है फांसी की सजा?
सोमवार को अभियोजन पक्ष ने दलीलें खत्म की थीं और अभियुक्तों को अधिकतम सजा देने का अनुरोध किया था. आरोपियों को गैर कानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (UAPA) के तहत आजीवन कारावास और मौत की सजा सुनाई गई है. दोषियों के खिलाफ कानून की अन्य धाराओं में भी केस चल रहे थे.
किस संगठन से था आतंकियों का लिंक?
कोर्ट ने 77 अभियुक्तों के खिलाफ सितंबर 2021 में मुकदमे की कार्यवाही खत्म की थी. विचाराधीन 78 आरोपियों में से एक सरकारी गवाह बन गया था. पुलिस की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई थी कि दोषी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े हैं. इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने 2002 में हुए गोधरा दंगे का प्रतिशोध लेने के लिए बम धमाके की साजिश रची थी.
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