डीएनए हिंदी: देश की राजधानी दिल्ली में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में इलाज हर किसी के लिए आसान नहीं है. ऑपरेशन और सर्जरी के लिए तो लोगों को सालों तक भटकना पड़ रहा है. एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें एक मरीज ने सर्जरी के लिए साल 2018 में पैसे जमा कराए थे, लेकिन चार साल बाद भी उनका नंबर नहीं आया. इसी तरह एक बच्चे को ऑपरेशन की ज़रूरत है लेकिन उसे पांच साल बाद की तारीख दी जा रही है.
बताया गया है कि एक जन्मजात बच्चे को दिल से जुड़ी बीमारी है. बच्चे के ऑपरेशन के लिए AIIMS में संपर्क किया गया तो कहा गया कि पांच साल बाद ऑपरेशन हो पाएगा. इसके गुरुग्राम के रहने वाले विक्रांत शर्मा की पांच महीने की बेटी के दिल में छेद है. इसकी वजह से उसका फेफड़ा भी प्रभावित हो रहा है.
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जल्द सर्जरी की है जरूरत, डेट दे रहे 2026 की
विक्रांत बताते हैं कि उनकी बच्ची के लिए ज़रूरी है कि कुछ ही महीने में सर्जरी की जाए. हालांकि AIIMS से पिछले साल दिसंबर में ऑपरेशन के लिए संपर्क किया गया तो अक्टूबर 2026 की डेट दे दी गई. इस मामले में एम्स प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं मिल पाया.
दूसरा मामला नोएडा के रहने वाले रमेश गुप्ता के छह साल के बेटे आयुष का है. आयुष की सर्जरी के लिए साल 2018 में पैसे और चार यूनिट खून जमा कराया गया, लेकिन आज तक ऑपरेशन की तारीख नहीं दी गई. आयुष को दिल की बीमारी है. रमेश बताते हैं कि बच्चे के दिल में सुराख का पता चला तो 2016 में इलाज शुरू किया.
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हर 15 दिन में जाते हैं एम्स, नहीं मिल पा रही तारीख
रमेश बताते हैं कि इलाज के लिए उनसे 60 हजार रुपये जमा कराए गए. रमेश कहते हैं कि वह हर 15 दिन में एक बार एम्स जाते हैं, लेकिन तारीख नहीं मिल पाती. बीमारी की वजह से उनका बेटा बेहद कमजोर हो गया है और उसका शरीर एकदम नीला पड़ गया है.
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