डीएनए हिंदी: भारत में मिर्गी (Epilepsy) के अनुमानित 1.5 करोड़ या इससे ज्यादा मामले सामने आए हैं जो किसी छिपी हुई महामारी से कम नहीं हैं. ये जानकारी एम्स दिल्ली (AIIMS) के न्यूरो सर्जरी के प्रोफेसर डॉ शरत चंद्र ने दी.
डॉक्टर शरत चंद्र ने कहा कि मिर्गी सबसे न्यूरोलॉजिकल रोगों में से एक है जो दुनिया भर में 6.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को प्रभावित करती है. लोगों में जागरूकता की कमी की वजह से मिर्गी को लेकर गलत धारणा बन गई है. यही कारण है कि मिर्गी से पीड़ित लोगों को शिक्षा, रोजगार और शादी के लिए भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है.
एम्स में न्यूरोलॉजी प्रोफेसर डॉ मंजरी त्रिपाठी ने कहा, 'मिर्गी केवल एक चिकित्सा समस्या नहीं है लेकिन एक सामाजिक समस्या भी है. इसके ज्यादा प्रसार के बावजूद, भारत में मिर्गी के बारे में जागरूकता बहुत कम है. जागरूकता की कमी के कारण मिर्गी से पीड़ित कई लोग निराश और असहाय महसूस करते हैं.'
एकत्वम की अध्यक्ष डॉक्टर मंजरी त्रिपाठी ने कहा, 'हमें केवल लोगों को मिर्गी से पीड़ित व्यक्तियों के प्रति सशक्त बनाने की जरूरत नहीं है बल्कि उन्हें सामान्य जीवन जीने के लिए सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम और आगे ले जाने की जरूरत है.'
डॉक्टर चंद्रा ने कहा कि मिर्गी के बारे में मुखर न होने की वजह से देश में लोग इस बीमारी का सही इलाज नहीं पा रहे हैं. राष्ट्रीय आंकड़ों में हर साल मिर्गी के 2 लाख मरीजों की संख्या बढ़ती है. भारत में मिर्गी रोग पर स्टडी कम की गई है. मिर्गी में भारत की स्थिति को समझने के लिए हम कमोबेश दुनिया के आंकड़ों पर निर्भर हैं.
(इनपुट- आईएएनएस)