डीएनए हिंदी: न्यूयार्क से आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट में महिला पर पेशाब करने वाला आरोपी शंकर मिश्रा अभी तक फरार है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. इस बीच आरोपी शंकर ने शुक्रवार को महिला की चैट को जारी करते हुए दावा किया कि उन्होंने यह कथित हरकत माफ कर दी थी और शिकायत दर्ज कराने की उनकी कोई मंशा नहीं थी. शंकर के वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल ने पीड़िता को मुआवजे के तौर पर 15 हजार रुपये का भुगातन किया था, जिसे बाद में पीड़िता के परिवार ने लौटा दिया था.
वहीं, शंकर मिश्रा के पिता ने शुक्रवार को दावा किया कि उनके बेटे पर लगे आरोप 'पूरी तरह झूठे' हैं. चौंकाने वाली एक घटना के तहत पिछले साल 26 नवंबर को एयर इंडिया की न्यूयार्क-दिल्ली फ्लाइट के बिजनेस क्लास में शंकर मिश्रा ने नशे की स्थिति में कथित रूप से एक बुजुर्ग महिला यात्री के ऊपर पेशाब कर दिया था. मिश्रा ने दावा किया है कि उन्होंने 28 नवंबर को ही महिला के कपड़े और बैग धुलवा दिए थे और 30 नवंबर को उनके पास भेज दिए थे.
आरोपी का दावा- महिला ने मुझे माफ किया
बयान में कहा गया है, ‘Whatsapp पर आरोपी और महिला द्वारा एक दूसरे को भेजे गए संदेश स्पष्ट दर्शाते हैं कि आरोपी ने 28 नवंबर को ही कपड़े और बैग साफ करवा दिए थे और 30 नवंबर को उनके पास भेज दिए थे.’ उसमें कहा गया है, ‘‘महिला ने अपने संदेश में स्पष्ट रूप से इस कथित हरकत को माफ किया है और शिकायत दर्ज नहीं कराने की मंशा प्रदर्शित की. महिला की शिकायत एयरलाइन द्वारा पर्याप्त मुआवजा के भुगतान के सिलसिले में है जिसे उन्होंने 20 दिसंबर 2022 को आगे की शिकायत में उठाया.’
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वकीलों ने आगे कहा कि दोनों पक्षों के बीच जितने मुआवजे पर सहमति बनी उसका मेरे मुवक्किल शंकर मिश्रा ने 28 नवंबर को ही पेटीएम के माध्यम से भुगतान कर दिया था, लेकिन करीब एक महीने बाद 19 दिसंबर को महिला की बेटी ने यह धनराशि लौटा दी. उन्होंने कहा कि केबिन क्रू (चालक दल) की जांच समिति के सामने दर्ज बयान बताते हैं कि इस घटना का कोई चश्मदीद नहीं है और सारी कहानी बस सुनी सुनायी बातों पर आधारित हैं. दोनों पक्षों के बीच विवाद निपटान की केबिन क्रू द्वारा सौंपे गए बयान में पुष्टि हुई है. उन्होंने कहा कि मेरे मुवक्किल को देश की न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है और वह जांच प्रक्रिया में सहयोग करेगा.
'मैं उसका चेहरा नहीं देखना चाहती'
वहीं, पीड़िता ने FIR में कहा, 'मेरे कपड़े, जूते और बैग पेशाब में भीग गए थे. बैग में मेरा पासपोर्ट, दस्तावेज और पैसे थे. फ्लाइट के कर्मचारियों ने उन्हें छूने से मना कर दिया, मेरे बैग और जूतों पर कीटाणुनाशक का छिड़काव किया और मुझे बाथरूम में ले गए और मुझे पाजामा और मोजे का एक सेट दिया. उन्होंने कहा कि चालक दल के सदस्यों ने अपराधी के साथ भी चर्चा की और उन्होंने आकर मुझसे कहा कि वह माफी मांगना चाहता है. मैंने स्पष्ट रूप से कहा कि मैं उसके साथ बातचीत नहीं करना चाहती हूं ना ही उसका चेहरा देखना चाहती हूं, और मैं बस इतना चाहती थी कि उसे गिरफ्तार कर लिया जाए. हालांकि, चालक दल मेरी इच्छा के विरुद्ध अपराधी को मेरे सामने लाए और हमें सीटों पर एक दूसरे के सामने बैठाया गया.
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उन्होंने प्राथमिकी में कहा कि मैं दंग रह गई जब उसने रोना शुरू कर दिया और मुझसे माफी मांगने लगा, मुझसे शिकायत दर्ज न करने की भीख मांगने लगा. मैंने उससे कहा कि उसकी हरकतें अक्षम्य (माफ न करने योग्य) थीं, लेकिन मेरे सामने उसके गिड़गिड़ाने और मेरे खुद के सदमे और आघात के सामने मुझे उसकी गिरफ्तारी पर जोर देना या उसके खिलाफ आरोप लगाना मुश्किल हो गया.
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