डीएनए हिंदी: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अन्य पिछड़ी जातियों (OBC) को उनका उचित हिस्सा दिलाने के लिए योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन की धमकी दी है. अखिलेश यादव ने कहा है कि ग्राम पंचायत अधिकारी की भर्ती के लिए ओबीसी सीटों के आवंटन में भारी कमी है.
अखिलेश यादव ने कहा, 'यह भारतीय जनता पार्टी की आरक्षण विरोधी मानसिकता का परिणाम है. उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) ने एक विज्ञापन जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि ग्राम पंचायत अधिकारी के 9.5 प्रतिशत पद ओबीसी के लिए आरक्षित किए गए हैं, जबकि ओबीसी को नियमानुसार आवंटित आरक्षण 27 प्रतिशत है. हम अनुमति नहीं देंगे.'
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ओबीसी को उनके अधिकारों से वंचित कर रही है. हम जल्द ही एक आंदोलन शुरू करेंगे. जब सामाजिक न्याय देने की बात आती है तो बीजेपी की मानसिकता बाधा बन रही है.
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आरक्षण पर सपा के भड़कने की असली वजह क्या है?
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, 'यूपीएसएसएससी के 1,468 पदों में से 849 सामान्य उम्मीदवारों के लिए, 117 ईडब्ल्यूएस के लिए, 139 ओबीसी के लिए, 356 एससी के लिए और सात एसटी के लिए अलग रखे गए हैं.'
राजेंद्र चौधरी ने कहा कि मानदंडों के अनुसार, ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए जो लगभग 396 पदों पर आता है, लेकिन विज्ञापन के मुताबिक ओबीसी को केवल 9.5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा, जो 139 पदों पर आता है. यह अस्वीकार्य है.
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क्या 2024 के लिए यूपी में मिला सपा को चुनावी एजेंडा?
IANS की एक रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी के नेता इस मुद्दे पर हाई कोर्ट का रुख कर सकते हैं. सपा इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट भी लेकर जा सकती है. अखिलेश यादव के एक बयान ने बड़े राजनीतिक आंदोलन का संकेत दे दिया है.
आरक्षण को लेकर समाजवादी पार्टी बीजेपी सरकार को पहले से घेरती रही है. सपा पहले भी बीजेपी को सवर्णवादी मानसिकता से ग्रस्त पार्टी बता चुकी है. ऐसे में अब यह तय है कि सपा 2024 में बीजेपी के खिलाफ आरक्षण वाले टूलकिट का इस्तेमाल जरूर करेगी.
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