डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भले ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के नेतृत्व में करारी हार हुई हो लेकिन सीटों के लिहाज से सपा को एक बड़ा फायदा हुआ है और पार्टी की स्थिति विधानसभा में पहले से अधिक मजबूत हुई है. ऐसे में विधानमंडल की बैठक के बाद अखिलेश यादव को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है जिसके बाद एक बार फिर अखिलेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) पर जमकर बरसे हैं. उन्होंने कहा है कि सपा योगी सरकार की नीतियों के खिलाफ सदन में खुलकर संघर्ष करती दिखेगी.
समाजवादी पार्टी द्वारा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद अखिलेश तल्ख तेवर दिखा रहे हैं. उन्होंने लोकसभा सदस्यता से इसी आक्रामक नीति के तहत इस्तीफा दिया है. ऐसे में नेता चुने जाने के बाद अखिलेश ने ट्वीट किया जिसमें लिखा, "संकल्प ले रहे हैं आज सपा के ‘एक सौ ग्यारह’, जनता के मुद्दों पर संघर्ष करना ही लक्ष्य हमारा." आपको बता दें कि इस बार सपा के 111 विधायक विधानसभा पहुंचे हैं.
वहीं 26 मार्च को विधानमंडल की बैठक के दौरान अखिलेश ने पार्टी का रोड मैप रखा है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी सदन से लेकर सड़क तक सरकार के अन्याय के खिलाफ संघर्ष करेगी. उन्होंने सपा को भारी समर्थन देने के लिए प्रदेश के मतदाताओं का आभार जताया है. अखिलेश ने कहा कि विधानसभा चुनाव के परिणाम जनभावनाओं के अनुरूप नहीं आए लेकिन उससे निराश न होकर हम विपक्ष में रहकर लोकतंत्र में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे.
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अहम बात यह है कि इस बार अखिलेश ने आरएसएस पर भी जमकर हमला बोला है. उन्होंने आरएसएस पर ही विधानसभा चुनावों में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि चुनाव में सपा ने सभी का मुकाबला किया लेकिन आरएसएस और भाजपा ने सत्ता का दुरुपयोग किया. सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि आरएसएस भाजपा का राजनीतिक संगठन है. सपा के समर्थकों के नाम वोटर लिस्ट से काटे गए, प्रशासन निष्पक्ष नहीं रहा और पोस्टल बैलेट से जीत को हार में बदल दिया गया. अखिलेश ने आरोप लगाया है कि BJP-RSS की लोकतंत्र में आस्था नहीं है.
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