ISIS के साथ डार्कनेट पर टच में था AMU स्टूडेंट, आतंकी संगठन के लिए कर रहा था भर्ती

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 21, 2023, 09:13 AM IST

NIA

Uttar Pradesh News: आरोपी 19 साल का छात्र है, जो डार्कनेट के जरिये विदेश में बैठे ISIS के हैंडलर्स से टच में था. NIA ने उसकी हरकत का पता लगने पर उसे दबोच लिया है.

डीएनए हिंदी: Aligarh News- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के एक 19 साल के छात्र को आतंकी संगठन ISIS के साथ लिंक के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. फैजान अंसारी उर्फ फैज नाम के इस छात्र को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने झारखंड के लोहरदगा में उसके घर और अलीगढ़ में किराये के मकान की तलाशी के बाद गिरफ्तार किया है. NIA अधिकारियों के मुताबिक, फैज डार्कनेट (क्राइम के लिए इस्तेमाल होने वाले गोपनीट इंटरनेट) के जरिये विदेश में बैठे ISIS के हैंडलर्स के साथ लिंक में था और यहां इस आतंकी संगठन में भर्ती करने के लिए अपने साथियों को बरगला रहा था.

तलाशी में मिले हैं बहुत सारे सबूत

भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, NIA प्रवक्ता ने बताया कि देश में ISIS के स्लीपिंग मॉड्यूल्स को पकड़ने के लिए कार्रवाई चल रही है. इस दौरान फैजान के बारे में जानकारी मिली थी. इस जानकारी के आधार पर 16 जुलाई को फैजान के झारखंड के लोहरदगा की मित्तल कॉलोनी स्थित घर और 17 जुलाई को अलीगढ़ स्थित किराये के कमरे में तलाशी ली गई. इस दौरान कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, आपत्तिजनक सामग्री और दस्तावेजी सबूत मिले हैं. 

हमला करने के लिए भर्ती कर रहा था फैजान

NIA प्रवक्ता के मुताबिक, फैजान अंसारी भारत में ISIS की जड़ें मजबूत करने और सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर इस आतंकी संगठन के समर्थन में प्रचार करने वाले सहयोगी तैयार कर रहा था. इस साजिश का मकसद भारत में आतंकी हमले करना था, जिसके लिए अभी फैजान से पूछताछ चल रही है. 

दो साल से पढ़ रहा था अलीगढ़ में

IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, फैजान अंसारी दो साल पहले पढ़ने के लिए अलीगढ़ आया था. उसके पिता फिरोज अंसारी बीएसएनएल में कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारी हैं. वह पिछले दो महीने से लोहरदगा में अपने घर पर ही था, जहां वह ISIS की तरफ से मिले असाइनमेंट को लेकर एक्टिव था. 

एक सप्ताह निगरानी कर जुटाए सबूत

NIA प्रवक्ता के मुताबिक, एजेंसी की टीम ने करीब एक सप्ताह तक फैजान पर नजर रखी. इस दौरान उसके ISIS से लिंक होने के पुख्ता सबूत मिले. उसके स्लीपर सेल होने की पुष्टि के बाद ही उसे गिरफ्तार किया गया. उसके लैपटॉप की तलाशी में कई संवेदनशील डिजिटल एविडेंस और आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं. झारखंड के कई युवाओं के साथ ऑनलाइन चैटिंग के दौरान मजहबी दलील देकर उन्हें लगातार भड़काता रहता था. वह युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें संगठन से जोड़ रहा था. 

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