Gyanwapi Masjid विवाद के बीच BJP नेताओं ने उठाई मुगलों से जुड़े नाम बदलने की मांग

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 18, 2022, 10:46 AM IST

BJP ने मांग की है कि दिल्ली के इलाकों के मुगलों से जुड़े नाम बदले जाने चाहिए.

डीएनए हिंदी: एक तरफ जहां बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanwapi Masjid) का मुद्दा राष्ट्रीय चर्चा का विषय बना हुआ है तो वहीं राजधानी दिल्ली में ऐतिहासिक इमारतों और तमाम सड़कों के नाम बदलने को लेकर एक बार फिर से आवाजें बुलंद होने लगी हैं. दिल्ली बीजेपी (BJP) के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मुगल शासकों के नाम पर रखे गए सड़कों के नाम को बदलने की मांग की है. 

हिंदू संगठनों की बड़ी मांग

Gyanwapi Masjid के विवाद को लेकर आज का दिन काफी अहम रहा है. वहीं दिल्ली के इलाकों के मुगल और इस्लामिक नामों को लेकर बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है. वहीं बीजेपी के बाद यूनाइटेड हिंदू सेना ने मुगल काल में बने कुतुब मीनार को नाम बदल कर विष्णु स्तंभ रखने की मांग की. इस संगठन का दावा है कि कुतुब मीनार तमाम हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़ कर प्राप्त हुई सामग्री की मदद से बनाया गया है.

इतना ही नहीं संगठन के मुताबिक कुतुब मीनार के अंदर मंदिर होने के सैकड़ों साक्ष्य मौजूद हैं. इसी क्रम में आज महाराणा प्रताप सेना ने दिल्ली की शाहजहां रोड पर पहुंच कर उसका नाम बदलने की कोशिश की लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें डिटेन कर तिलक मार्ग थाने पर ले गई. महाराणा प्रताप सेना लगातार शाहजहां रोड को परशुराम मार्ग, अकबर रोड को महाराणा प्रताप मार्ग, हुमायूं रोड का नाम बदलकर अहिल्याबाई होलकर करने की मांग कर रही है. 

अक्रांताओं के नाम पर न हो देश की सड़कों का नाम

वहीं इस मामले में संगठन का कहना है कि विदेशी आक्रांताओं के नाम पर अब देश की सड़कें नहीं रहनी चाहिए. ये मुगलों की गुलामी के प्रतीक हैं. ऐसे में इनका नाम देश के महापुरुषों के नाम होना चाहिए. आपको बता दें कि बीजेपी ने भी 5 सड़कों के नाम बदलने को लेकर एनडीएमसी को चिट्ठी लिखी थी.

दरअसल बीजेपी की मांग है कि अकबर रोड का नाम बदलकर हिंदू और मराठाओं की शान महाराणा प्रताप मार्ग के नाम पर, औरंगजेब रोड का नाम बदलकर देश  के अभिमान रहे डॉ अब्दुल कलाम, हुमायूं रोड का नाम बदलकर रामायण के रचनाकार महर्षि वाल्मीकि मार्ग के नाम पर, तुगलक रोड को बदलकर सिक्खों के पूजनीय गुरु गोविंद सिंह मार्ग, शाहजहां रोड को जनरल बिपिन सिंह रावत रोड के नाम पर और बाबर लेन का नाम बदलकर 18 साल की उम्र में फांसी को चूम लेने वाले क्रांतिकारी शहीद खुदीराम बोस के नाम पर रखने की मांग की है.

गौरतलब है कि पिछले साल भी बीजेपी ने हेलिकॉप्टर हादसे में जान गवां चुके जनरल बिपिन रावत का नाम अकबर रोड को बदल कर रखने की मांग की थी. दिल्ली की तमाम सड़कों के नाम मुगल शासकों के नाम रखे जाने के पीछे ये दलील दी जाती है कि दिल्ली पर कई वर्षों तक मुगलों का राज रहा. दिल्ली का पहला मुगल शासक मोहम्मद गौरी था. जिसके बाद मोहम्मद बिन तुगलक, तैमूर, हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां फिर औरंगजेब ने दिल्ली को अपने हिसाब से चलाया. हालांकि इनमें से कई आक्रांताओं के राज में दिल्ली बुरे दौर से भी गुजरी थी. 

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