डीएनए हिंदी: Arunachal Pradesh News- पिछले दिनों अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के कई इलाकों के नाम अपने नक्शे में बदल देने के बाद चीन का नापाक इरादा अब खुलकर सामने आ गया है. चीन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सोमवार (10 अप्रैल) को अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब दौरे पर आपत्ति जताई है. चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसे भारत की चीनी इलाके में घुसपैठ बताते हुए अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता का हनन करार दिया है. प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय गृह मंत्री ने चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन किया है, क्योंकि जंगनान का इलाका चीन का है.
बता दें कि गृह मंत्री चीन सीमा के करीब एक गांव किबिथू (Kibithu) पहुंचे हैं, जहां उन्होंने 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' (Vibrant Village Programme) का उद्घाटन किया है. हालांकि चीन की आपत्ति नई नहीं है. पहले भी अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत बताते हुए चीन इस पर कब्जा करने की जुगत में है. इस एरिया को विवादित बनाए रखने के मकसद से चीन लंबे समय से वहां भारतीय मंत्रियों और अधिकारियों के दौरे पर आपत्ति जताता रहा है.
पहले असम पहुंचे गृहमंत्री, वहां से गए अरुणाचल
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने दौरे में पहले असम के डिब्रूगढ़ पहुंचे. वहां असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उनका स्वागत किया. इसके बाद शाह वहां से अरुणाचल प्रदेश के लिए रवाना हुए. अरुणाचल प्रदेश में वे किबिथू गांव पहुंचे, जो अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले में भारत-चीन नियंत्रण रेखा से महज एक किलोमीटर दूर है. यहां उन्होंने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का उद्घाटन किया.
इस दौरे पर शाह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (Indo Tibbat Border Police) के जवानों से भी मिलेंगे. ITBP ही इस इलाके में सीना पर चौकसी का काम संभाल रही है. मंगलवार को गृह मंत्री नमती एरिया में वालोंग युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि देंगे. इसके अलावा वे वापसी में असम के डिब्रूगढ़ में भाजपा जिला कार्यालय का उद्घाटन करने के साथ ही जनसभा को भी संबोधित करेंगे.
क्या है वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम
मोदी सरकार ने पिछले साल के बजट 2022-23 में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की घोषणा की थी, जिसका मकसद चीन सीमा से सटे राज्यों के सीमावर्ती गांवों से पलायन रोकना है. इसके लिए सरकार ने 4,800 करोड़ रुपये का बजट आवंटन भी किया था, जिसे 2025-26 तक इन एरिया के गांवों के विकास और वहां रोजगार उपलब्ध कराने में खर्च किया जाना है. इनमें से 2,500 करोड़ रुपये से इन इलाकों को देश के बाकी हिस्से से बेहतरीन सड़क संपर्क उपलब्ध कराने में खर्च होने हैं. इस योजना में लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम के 19 जिलों के 46 ब्लॉक के 2,967 गांव में व्यापक विकास होना है.
INPUT- भाषा
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