डीएनए हिंदीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah) ने गुरुवार को कहा कि आतंकवाद (terrorism) से लड़ना मानवाधिकारों (human rights) के संरक्षण के विपरीत नहीं हो सकता क्योंकि आतंकवाद मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघन है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के 13वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद किसी भी सभ्य समाज के लिए अभिशाप है. इससे किसी को इतना नुकसान नहीं हुआ जितना हमारे देश को हुआ है.
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उन्होंने कहा कि मानवाधिकार संगठनों के साथ मेरे मतभेद रहे हैं क्योंकि वो मुद्दों पर जिस तरह का दृष्टिकोण रखते हैं लेकिन मेरा मानना है कि आतंकवाद से ज्यादा मानवाधिकार का उल्लंघन कुछ भी नहीं कर सकता है.
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा “आतंकवाद के क्षेत्र में, आतंक और आतंकवादियों से लड़ना एक बात है और आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकना दूसरी बात है. अगर हम ऐसा करना चाहते हैं तो हमें टेरर-फंडिंग के बुनियादी ढांचे को नष्ट करना होगा.
उन्होंने कहा 2018-19 में एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में जो टेरर फंडिंग के जितने मामले दर्ज किए, उससे आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने में मदद मिली है. अब तक हमारी एजेंसियों ने टेरर-फंडिंग के इन साधनों पर प्रहार नहीं किया था.
एनआईए द्वारा मामले दर्ज किए जाने के बाद से आतंकी समूहों के लिए आतंकी फंडिंग के आसान तरीके उपलब्ध नहीं हैं. उन्होंने आगे कहा - ''हो सकता है कि हम इसे पूरी तरह खत्म ना कर पाएं, लेकिन हम उनकी मुश्किलें बड़ा सकते हैं."
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