Anil Ambani करने वाले हैं इस कंपनी में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश, बरसेंगी हजारों नौकरियां, जानिए क्या है पूरा प्रोजेक्ट

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Oct 23, 2024, 05:45 PM IST

Anil Ambani Updates: अनिल अंबानी की नजरें डिफेंस सेक्टर पर टिकी हुई हैं, जिसमें भारत तेजी से इंटरनेशनल लेवल पर घुसपैठ बना रहा है. अनिल अंबानी की कंपनी पहले ही दो सफल डिफेंस प्रोजेक्ट विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर चला रही है.

Anil Ambani Updates: मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के छोटे भाई अनिल अंबानी (Anil Ambani) को भले ही तमाम सेक्टर में असफलता हाथ लगी है, लेकिन डिफेंस सेक्टर में उनकी कंपनी ने अब तक सफलता का रुख देखा है. इसके चलते अनिल अंबानी ने अब डिफेंस सेक्टर में एक ऐसा कदम उठाने की तैयारी कर ली है, जिससे हजारों नई नौकरियां युवाओं के लिए पैदा होने की संभावना बन रही है. दरअसल अनिल अंबानी की  कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) अपनी सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस डिफेंस लिमिटेड (Reliance Defence Limited) के जरिये 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. रिलायंस डिफेंस इस निवेश से महाराष्ट्र के रत्नागिरी में देश का सबसे बड़ा इंटिग्रेटिड डिफेंस प्रोजेक्ट लगाएगी, जिसमें विस्फोटक, गोला-बारूद से लेकर छोटे हथियार तक बनाए जाएंगे. इस काम के लिए कंपनी ने दुनिया की दिग्गज डिफेंस मेन्युफेक्चरिंग कंपनियों के साथ जॉइंट वेंचर करने की तैयारी की है. इस जॉइंट वेंचर के लिए कंपनी की 6 नामी कंपनियों से बात चल रही है, जिनमें से किसी एक के साथ जल्द ही डील फाइनल कर ली जाएगी. माना जा रहा है कि अनिल अंबानी के इस प्रोजेक्ट के कारण युवाओं को हजारों नई नौकरियां मिलने जा रही हैं.

सेबी को दी है नए वेंचर की जानकारी
अनिल अंबानी के इस नए वेंचर की जानकारी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने रेगुलेटरी फाइलिंग में शेयर बाजार नियामक सेबी (Sebi) को दी है. इस फाइलिंग में बताया गया है कि रिलायस इंफ्रास्ट्रक्चर ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी में धीरुभाई अंबानी डिफेंस सिटी (Dhirubhai Ambani Defence City) के निर्माण की तैयारी की है. इसके लिए कंपनी को वाटड इंडस्ट्रियल एरिया में 1000 एकड़ जमीन आवंटित की गई है. इस डिफेंस सिटी में ही कंपनी की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस डिफेंस अपना प्रोजेक्ट लगाएगी, जिसमें विस्फोटक से लेकर छोटे हथियार तक का निर्माण किया जाएगा. 

कंपनी को मिला हुआ है इसके लिए लाइसेंस
फाइलिंग में यह जानकारी दी गई है कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के पास हथियार और गोला बारुद बनाने के लिए पहले से ही सरकारी लाइसेंस मौजूद है. यह लाइसेंस कंपनी की सब्सिडियरी रिलायंस डिफेंस लिमिटेड और जय आर्मामेंट्स लिमिटेड (Jai Armaments Limited) को भारत सरकार से मिला हुआ है. कंपनी ने यह भी बताया है कि इस नए प्रोजेक्ट में रिलायंस डिफेंस लिमिटेड अगले 10 साल के दौरान 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. कंपनी में बनने वाले विस्फोटक और छोटे हथियारों को विदेशी मार्केट में एक्सपोर्ट करने पर टारगेट किया जाएगा, जिसमें सिविल और मिलिट्री, दोनों तरह के क्लाइंट शामिल होंगे.

पहले ही दो जॉइंट वेंचर चला रही है अनिल की कंपनी
अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के पास पहले से ही डिफेंस सेक्टर के दो जॉइंट वेंचर हैं. दोनों नागपुर के पास मिहान में हैं. इनमें से एक वेंचर राफेल फाइटर जेट्स बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation)  के साथ मौजूद है. इसका नाम दसॉल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड है. दूसरा जॉइंट वेंचर थेल्स रिलायंस डिफेंस सिस्टम (TRDS) है, जो फ्रांसीसी कंपनी थेल्स (Thales) के साथ बनाया गया है. ये दोनों कंपनी अपना पूरा प्रॉडक्शन एक्सपोर्ट कर रही हैं और अब तक 1000 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण एक्सपोर्ट किए जा चुके हैं.

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