Anil Hegde जेडीयू के राज्यसभा प्रत्याशी, जानें नीतीश कुमार के लिए क्यों खास हैं यह नेता

| Updated: May 23, 2022, 04:03 PM IST

नीतीश कुमार के साथ 40 सालों से जुड़े हैं हेगड़े

Anil Hegde Rajya Sabha: नीतीश कुमार अपने पुराने सहयोगी अनिल हेगड़े को राज्यसभा भेज रहे हैं. हेगड़े सोशलिस्ट छवि के लिए जाने जाते हैं.

डीएनए हिंदी: जेडीयू अनिल हेगड़े (Anil Hegde) को राज्यसभा भेजने जा रही है. मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हेगड़े की पहचान सोशलिस्ट नेता के तौर पर रही है. जेडीयू नेता के नाम जन आंदोलनों की वजह से संसद भवन थाने में 4250 बार गिरफ्तारी का रिकॉर्ड भी है. माना जा रहा है कि सादगी और सोशलिस्ट पहचान के साथ-साथ पार्टी के लिए लगातार अपनी निष्ठा दिखाने का इनाम उन्हें राज्यसभा सीट के तौर पर मिला है. 

आर्थिक उदारीकरण के रहे हैं विरोध
90 के दशक में आर्थिक उदारीकरण का पुरजोर विरोध करने की वजह से हेगड़े की पहचान पूरे देश में बनी थी. उन्होंने डंकल प्रस्ताव के विरोध में 5150 दिनों तक लगातार अभियान चलाया था. 90 के दशक में आर्थिक नीतियों का विरोध करने वाले सबसे अहम चेहरों में से थे. जेडीयू जब समता दल हुआ करती थी, हेगड़े उस वक्त से ही पार्टी से जुड़े हैं. जेडीयू सांसद किंग महेंद्र के निधन के बाद खाली हुई सीट पर हेगड़े को भेज रही है.

हेगड़े को पार्टी के पुराने निष्ठावान और वफादार नेताओं में माना जाता है. लगभग 4 दशक की राजनीति में यह पहला मौका है जब उन्हें राज्यसभा सांसद का पद मिल रहा है. अब तक उन्हें पार्टी के अंदर भी कभी कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली थी. 

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नीतीश कुमार से है पुरानी दोस्ती 
हेगड़े पर नीतीश कुमार काफी विश्वास करते हैं और कहा जाता है कि भले ही पार्टी के अंदर उन्हें कभी बड़ा पद नहीं मिला हो लेकिन नीतीश उनकी बात पर भरोसा करते हैं. यह भी कहा जाता है कि एक दौर में हेगड़े ने नीतीश कुमार और पार्टी के वरिष्ठ नेता जॉर्ज फर्नांडीज के बीच संवाद के लिए पुल का काम किया था. 

पार्टी के अंदर हेगड़े की बात को हमेशा अहमियत मिलती रही है और खुद नीतीश कुमार भी उनके विचारों और राय को बहुत बारीकी से सुनते हैं. माना जा रहा है कि हेगड़े की इन्हीं खूबियों का इनाम पार्टी उन्हें राज्यसभा भेजने के तौर पर दे रही है. 

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कर्नाटक के हेगड़े की कर्मभूमि बन गई बिहार 
अनिल हेगड़े ने अपनी पढ़ाई कर्नाटक से की थी लेकिन तभी देश में इमर्जेंसी लग गई और वह राजनीति में शामिल हो गए थे. आपातकाल के दौरान वह जॉर्ज फर्नांडीज के संपर्क में आए थे और उनके साथ बिहार की राजनीति में पहुंच गए. 

राजनीति में आने के बाद उन्होंने इसे ही अपना ध्येय बना लिया है. वह अभी तक अविवाहित हैं पार्टी दफ्तर में ही रहते हैं. हेगड़े ने कभी घर, अपना दफ्तर या पार्टी में बड़े पद जैसी चीजों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया है. 

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