अयोध्या में पकड़े गए तीन संदिग्ध, सबका है खालिस्तान कनेक्शन, UP ATS का खुलासा

अभिषेक शुक्ल | Updated:Jan 20, 2024, 07:42 AM IST

अयोध्या की बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था.

पुलिस ने कहा कि तीनों आरोपी राजस्थान के रहने वाले हैं. पुलिस उनके पूछताछ कर रही है.

डीएनए हिंदी: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह से तीन दिन पहले तीन संदिग्धों को धर दबोचा है.तीनों के खालिस्तान लिंक सामने आए हैं. यूपी एटीएस ने कहा है कि तीनों संदिग्धों के खालिस्तान लिंक हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि खालिस्तान नेताओं के रिकॉर्ड किए गए संदेश को लखनऊ में कुछ लोगों के मोबाइल फोन पर भेजा गया है.रिकॉर्ड की गई आवाज में एक शख्स भड़काऊ बातें कह रहा है.

ऑडियो मैसेज गुरुपतवंत सिंह पन्नू का का है. सिख अलगाववादी ने यूपी में कई लोगों को फोन कर धमका चुका है. उसने सीएम योगी को भी धमकाने का वीडियो जारी किया है. यूपी एटीएस ने पन्नू को नामजद कर उसके खिलाफ जांच शुरू कर दी है. तीनों गिरफ्तार संदिग्ध उसके करीबी बताए जा रहे है.

यूपी के डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा है कि तीनों आरोपी राजस्थान के रहने वाले हैं. शंकर दुसद उर्फ शंकर जजोद, अजीत कुमार शर्मा और प्रदीप धनिया आरोपियों के नाम हैं. उन्होंने कहा कि शंकर दुसद और प्रदीप पनिया सिकर जिले के रहने वाले हैं, वहीं अजीत कुमार शर्मा झुनझुनु जिले का निवासी है.

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कैसे सामने आया खालिस्तानी लिंक?
प्रशांत कुमार ने कहा है कि शंकर दुसद कनाडा स्थित एक हथियार तस्कर लखबीर सिंह संधू उर्फ लांटा के जरिए गुरपतवंत सिंह पन्नू से जुड़ा था. उन्होंने कहा कि खालिस्तान के नेताओं ने दुसद को अयोध्या पहुंचने और साइट का नक्शा तैयार करने के लिए कहा था. गुरुवार को अयोध्या के त्रिमूर्ति होटल के सामने गाड़ियों की जांच के दौरान दोनों को गिरफ्तार किया गया है.

भगवा ध्वज लेकर आए थे संदिग्ध
तीनों संदिग्ध एक एसयूवी कार से आए थे. पुलिस से बचने के लिए कार पर भगवा ध्वज लगा था. तीनों से पूछताछ की जा रही थी तो पुलिस को कुछ संदिग्ध लगा. दुसद के पास से अलग-अलग पहचान पत्र बरामद किए गए. एटीएस के एक अधिकारी ने कहा कि सिम कार्ड गलत नाम पर था, एसयूपी का रजिस्ट्रेशन नंबर गलत था.

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15 मई को जमानत पर रिहा हुआ था शंकर दुसद
एटीएस के अधिकारियों ने बताया कि 21 मार्च, 2016 से सात साल जेल में बिताने के बाद 15 मई, 2023 को शंकर दुसद सेंट्रल जेल, बिकनेर से जमानत पर रिहा हुआ था. दुसद खालिस्तान समूहों के साथ जेल में जुटा. उसकी मुलाकात लखबिन्दर सिंह से हुई जिसके बाद दोनों करीब आ गए. उसने अपने भतीजे पुम्म्मा से मिलने के लिए कहा और यहीं से वह कनाडा के खालिस्तानी नेता सुखडूल सिंह गिल के संपर्क में आया. 

इस गैंगस्टर का करीबी है आरोपी
एटीएस के अधिकारियों ने कहा कि दुसद मारे गए कुख्यात गैंगस्टर राजेंद्र का करीबी है. दुसद का आपराधिक बैकग्राउंड है. वह साल 2007 और 2014 के बीच राजस्थान के कई जिलों मुकदमे का सामना कर चुका है. वह 2011 में कांग्रेस के युवा विंग नेता राम कृष्णा सिहाग की हत्याओं में शामिल रहा है. 

पुलिस ने बढ़ाई अयोध्या की सुरक्षा
अयोध्या में किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए शहर में वाहनों की जांच तेज कर दी है. जगह-जगह अलर्ट है. सोशल मीडिया पर अंग्रेजी में रिकॉर्ड किए गए ऑडियो संदेशों के वायरल होने के बाद पुलिस अलर्ट मोड में है.

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