Delhi Police Artificial Intelligence: शव की नहीं हो रही थी पहचान, दिल्ली पुलिस ने AI से किया ऐसा काम, मुर्दा हो गया 'जिंदा'

कुलदीप पंवार | Updated:Jan 25, 2024, 04:04 PM IST

Delhi Police ने AI तकनीक की मदद से मृतक (बाएं) के चेहरे को जिंदा (दाएं) जैसा तैयार करा दिया.

Delhi Police ने अज्ञात में मिले शव को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये उसे 'जिंदा' करके उसकी पहचान कराने में सफलता हासिल की. इसके बाद ब्लाइंड मर्डर का केस चुटकियों में हल हो गया.

डीएनए हिंदी: Artificial Intelligence News- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक सामने आने के बाद से ही इसके दुरुपयोग को लेकर चर्चा चल रही है. इसके जरिये फोटो-वीडियो से छेड़छाड़ और साइबर ठगी जैसी वारदातों को अंजाम देने की घटनाएं ही सामने आई हैं. लेकिन अब इस तकनीक के जरिये एक ऐसा काम हुआ है, जो आपको इसके बारे में पॉजिटिव सोच बनाने पर मजबूर कर देगा. दरअसल दिल्ली पुलिस ने AI तकनीक के जरिये एक ब्लाइंड मर्डर केस (हत्या का ऐसा मामला, जिसमें कोई सबूत नहीं था) को चुटकियों में सुलझाकर नई मिसाल कायम कर दी है. दिल्ली पुलिस के AI तकनीक का उपयोग करने से ना केवल हत्या का केस सुलझ गया, बल्कि यह आने वाले वक्त के लिए पुलिसकर्मियों के सामने एक नई नजीर भी कायम कर गया है.

शव की नहीं हो रही थी पहचान

दरअसल दिल्ली पुलिस को 10 जनवरी को गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के नीचे ठिकाने लगाया गया एक शव मिला था. यह शव एक नौजवान का था, जिसकी पहचान करने का कोई जरिया पुलिस को उसके पास नहीं मिला. अज्ञात में दर्ज हुए इस शव के पोस्टमार्टम से उसे गला दबाकर मारे जाने की पुष्टि हो गई. इस तरह ये तो तय था कि यह हत्या का मामला है, लेकिन शव की पहचान कराना सबसे बड़ी समस्या थी. पुलिस ने आसपास के इलाके में पता करने की कोशिश की, लेकिन कहीं भी उसकी पहचान नहीं हो सकी. 

इसके बाद लिया गया AI का सहारा

शव की पहचान के तमाम हथकंडे आजमाने के बाद भी असफलता हाथ लगने पर पुलिस ने वो कदम उठाया, जिसे खुद पुलिस ही गैरकानूनी मानती है यानी फोटो में AI की मदद से छेड़छाड़ करने का. दरअसल लाश के जितने भी फोटो मौजूद थे, उनमें मृतक की आंखें बंद होने के कारण चेहरे की स्पष्ट पहचान नहीं हो पा रही थी. इसलिए पुलिस ने AI आर्टिस्ट की मदद से लाश के फोटो में चेहरे को खुली आंखों के साथ मॉडिफाइ करा दिया और उस नए फोटो के पोस्टर हर जगह शेयर कर दिए. ये पोस्टर छपवाकर  सभी पुलिस थानों के बाहर चिपका दिए गए.

पोस्टर देखकर पुलिस के पास पहुंचा मृतक का भाई

छावला थाने के बाहर लगा पोस्टर देखकर पुलिस के पास एक शख्स पहुंचा, जिसने मरने वाले को अपना छोटा भाई हितेंद्र बताया. इसके बाद कोतवाली पुलिस ने कत्ल का केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी. हितेंद्र के भाई से मिली जानकारी और उसके बाद की गई जांच के जरिये पुलिस को उसके तीन लड़कों के साथ झगड़ा होने की जानकारी मिली. तीनों लड़कों की लोकेशन जांची गई तो वो हितेंद्र के शव मिलने वाली जगह से मैच कर गई. इसके बाद और सबूत जुटाए गए. तीनों लड़कों द्वारा हितेंद्र का गला घोंटकर हत्या करने की पुष्टि हो गई. इस पूरी साजिश में एक महिला के भी शामिल होने के सबूत मिले और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसने भी तीनों लड़कों के हत्या करने की पुष्टि कर दी है. तीनों को तलाश किया जा रहा है. इस तरह से AI तकनीक की मदद से पुलिस ने एक ऐसा केस सुलझा लिया है, जो शायद फाइलों में अज्ञात के तौर पर ही गुम होकर रह जाता. 

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