डीएनए हिंदी: पश्चिमी अरुणाचल प्रदेश में पश्चिम कामेंग जिले को चीन, म्यांमार और भूटान की सीमा से लगे राज्य के पूर्वी क्षेत्र के चांगलांग जिले से जोड़ने के लिए 1,748 किलोमीटर लंबे एक महत्वाकांक्षी फ्रंटियर हाईवे का निर्माण होने वाला है.
अरुणाचल प्रदेश सरकार के राजमार्ग विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि 1,811 किलोमीटर लंबा ट्रांस अरुणाचल राजमार्ग पूरा होने वाला है और अब फोकस फ्रंटियर हाईवे और इंटर-कनेक्टिविटी कॉरिडोर परियोजनाओं पर है, जिन्हें हाल ही में केंद्र सरकार ने अप्रूव किया था.
फ्रंटियर हाईवे को पश्चिम कामेंग में बोमडिला से शुरू करने और चांगलांग में विजयनगर पर समाप्त करने का प्रस्ताव है, जो 1,748 किलोमीटर की दूरी तय करता है. कामेंग चीन और भूटान सीमा पर है, वहीं चांगलांग म्यांमार की सीमा से लगा है.
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क्यों रणनीतिक तौर पर अहम है ये रूट?
चीन अरुणाचल प्रदेश पर नजरें गड़ाए हुए है. भारत की मजबूरी है कि इस क्षेत्र में सेना की पहुंच बढ़ाई जाए. भारत सरकार की कोशिश है कि यहां बेहतर कनेक्टिविटी हो और मजबूत सैन्य ढांचा हो. चीनी सेना अरुणाचल प्रदेश को अपना कहने का दावा करती रही है. भारत इसे एक सिरे से खारिज करता है. चीन की साजिशों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सरकार इस सूबे में विकास कार्यों पर ज्यादा ध्यान दे रही है.
हाईवे पर होंगे 6 इंटर कनेक्टिविटी कॉरिडोर
राजमार्ग का निर्माण सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम और राज्य पीडब्ल्यूडी के अलावा सीमा सड़क संगठन द्वारा किया जाएगा. एमआरटीएच ने असम में राष्ट्रीय राजमार्ग-15 को ट्रांस अरुणाचल हाईवे (NH-13) और प्रस्तावित फ्रंटियर हाईवे (एनएच-913) से जोड़ने के लिए 6 इंटर-कनेक्टिविटी कॉरिडोर की पहचान की है.
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सरकार के लिए बेहद खास है ये प्रोजेक्ट
मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने गुरुवार को राज्य के राजमार्ग, लोक निर्माण, ग्रामीण निर्माण और शहरी विकास विभागों द्वारा क्रियान्वित की जा रही सड़क परियोजनाओं की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की है. सभी निर्माणाधीन सड़क परियोजनाओं की गुणवत्ता और समय पर पूरा होने पर सरकार जोर दे रही है. (इनपुट: IANS)
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