डीएनए हिंदी: Asad Ahmed News- उमेश पाल हत्याकांड के मास्टरमाइंड असद अहमद और उसके शूटर गुलाम को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को झांसी में एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. अपने बेटे असद की मौत की खबर मिलने के बाद पूर्वांचल को 40 साल तक दहशत से कांपने पर मजबूर करने वाला माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) फूट-फूटकर रोता नजर आया. प्रयागराज पुलिस लाइन में अतीक ने रोते हुए कहा कि यह सब उसके कारण हुआ है. उधर, इस एनकाउंटर पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. अखिलेश ने इस एनकाउंटर को फर्जी बताकर उत्तर प्रदेश पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स (UP Police STF) की सफलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार झूठे एनकाउंटर की आड़ में असली मुद्दों से ध्यान भटका रही है.
अतीक ने कहा 'सोचा नहीं था, ये दिन देखूंगा'
उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) में पेशी के लिए गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाए अतीक को जब असद एनकाउंटर की जानकारी मिली तो वह पुलिस लाइन में था. जानकारी के मुताबिक, अतीक को पुलिसकर्मियोंं ने एनकाउंटर में उसके बेटे की मौत की जानकारी दी. यह सुनते ही अतीक रोने लगा और कहा, मेरी वजह से ही ये सब हुआ है. ऐसा होगा ये मैंने कभी नहीं सोचा था. अब यही दिन देखना रह गया था.
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अशरफ से बोला अतीक 'अब तुम ही रखना परिवार का ध्यान'
असद की मौत की जानकारी मिलने के बाद अतीक की मुलाकात अपने छोटे भाई अशरफ से हुई, जो इसी मामले में आरोपी के तौर पर पेशी के लिए बरेली सेंट्रल जेल से लाया गया था. अतीक ने अशरफ से कहा कि अब तुम्हे ही परिवार का ख्याल रखना है. सबका जिम्मेदारी से ख्याल रखना. इस दौरान अतीक ने पुलिसकर्मियों से पूछा, क्या छोटे(असद) का शव वहीं (झांसी में) सुपुर्द ए खाक करेंगे या यहां (प्रयागराज) लाएंगे. पुलिसकर्मियों ने इस बारे में बड़े अधिकारियों को ही मालूम होने की बात कहकर टाल दिया.
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अखिलेश यादव ने ट्वीट में उठाए एनकाउंटर पर सवाल
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने असद अहमद एनकाउंटर की जानकारी मिलने के बाद ट्वीट कर इस पर सवाल उठाए हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने लिखा, झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है. भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं. आज के और हालिया अन्य एनकाउंटरों की भी गहन जांच-पड़ताल हो. इनमें दोषी मिलने वालों को छोड़ा न जाए. सही-गलत के फैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है. भाजपा भाईचारे के खिलाफ है.
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