डीएनए हिंदी: बिलकिस बानो मामले (Bilkis Bano Case) में 11 दोषियों की रिहाई को जहां बीजेपी आरोपियों के अच्छे "संस्कार" बता रही है. वहीं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसे बीजेपी की नापाक हरकत बताया है. उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां 15 अगस्त को पीएम मोदी लाल किले से नारी शक्ति की बात कर रहे थे. वहीं, गुजरात में उनकी सरकार गैंगरेप के दोषियों को रिहा कर रही थी. ओवैसी ने कहा, 'हमें अल्लाह का शुक्र अदा करना चाहिए, कम से कम महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे को फांसी दे दी गई.'
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया, 'क्या यही PM मोदी का 'नारी शक्ति' एजेंडा है? सामूहिक बलात्कार और बच्चे की हत्या 'अच्छे संस्कार' हैं? भाजपा जाति की बुनियाद पर 'जेल से मुफ़्त रिहाई पास' दे रही है. हमें अल्लाह का शुक्रिया अदा करना चाहिए कि कम से- कम गोडसे को मुजरिम क़रार देकर फांसी दी गई.'
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'दोषियों के रिहाई के फैसले को रद्द करें PM'
ओवैसी ने लगाया कि गुजरात हो या कठुआ दुष्कर्म करने वालों के साथ खड़ा रहना बीजेपी की नीति है. कुछ लोगों को जाति के आधार पर जघन्य अपराध करने के बावजूद उन्हें रिहा किया जा सकता है. वहीं, कुछ अन्य लोगों की जाति या धर्म गुनाह किए बगैर और बिना सबूत के जेलों में रखने के लिए पर्याप्त कारण हो सकता है. ओवैसी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि गुजरात सरकार के इस फैसले को रद्द किया जाए. उन्होंने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि रिहाई के आदेश को रद्द किया जाए और सभी दोषियों को जेल भेजा जाए.’
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BJP विधायक ने दोषियों के बताए अच्छे "संस्कार"
वहीं, बीजेपी के विधायक सी.के. राउल ने गुरुवार को कहा कि 2002 के गुजरात दंगों के इस मामले में दोषी कुछ लोग "ब्राह्मण" हैं जिनके अच्छे "संस्कार" हैं और यह संभव है कि उनके परिवार की अतीत की गतिविधियों के चलते उन्हें फंसाया गया होगा.राउली ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि 15 साल से ज्यादा समय बाद जेल से रिहा किए गए दोषी अपराध में शामिल थे या नहीं. बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए सभी 11 दोषियों को 15 अगस्त को गोधरा उप जेल से रिहा कर दिया गया था. गुजरात सरकार की सजा माफी योजना के तहत उन्हें रिहा किया गया था.
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