लाल डायरी पर अशोक गहलोत क्यों पीएम मोदी को याद दिला रहे लाल टमाटर?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 28, 2023, 06:26 AM IST

अशोक गहलोत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अशोक गहलोत को रेड डायरी को लेकर तंज कसा तो अशोक गहलोत ने उन्हें लाल टमाटर की याद दिला दी. आइए जानते हैं क्या है विवाद की वजह.

डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 'लाल डायरी' को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज कसा तो गहलोत ने पलटवार किया. अशोक गहलोत ने पीएम मोदी को 'लाल सिलेंडर' और 'लाल टमाटर' की कीमतों को लेकर मोदी पर कटाक्ष किया. 

राज्य के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने हाल में विधानसभा में कथित "लाल डायरी" लहराई थी. बाद में उन्होंने दावा किया कि डायरी में 'दो नंबर का लेनदेन' दर्ज है और इसमें मुख्यमंत्री का नाम भी है. 

लाल डायरी के जवाब में अशोक गहलोत ने क्या कहा?
सीकर में आज एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने डायरी को कांग्रेस द्वारा चलाई जा रही 'लूट की दुकान' का उत्पाद बताया. बाद में, अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री पर लाल सिलेंडर को 1,150 रुपये में बेचने में असली लूट का आरोप लगाया. उन्होंने लाल टमाटर की कीमत के बारे में भी शिकायत की. 

पीएम मोदी ने लाल डायरी पर घेरा
पीएम नरेंद्र मोदी ने 'लाल डायरी' का जिक्र करते हुए सीकर की सभा में कहा, 'कांग्रेस ने राजस्थान में सरकार चलाने के नाम पर सिर्फ लूट की दुकान चलाई है और झूठ का बाजार सजाया है. कांग्रेस का मतलब ही है लूट की दुकान, झूठ का बाजार. लूट की इस दुकान का सबसे ताजा ‘प्रॉडक्ट’ है, राजस्थान की लाल डायरी.'

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पीएम मोदी ने कहा, 'कहते हैं कि इस 'लाल डायरी' में कांग्रेस सरकार के काले कारनामे दर्ज हैं. लोग कह रहे हैं कि 'लाल डायरी' के पन्ने खुले तो अच्छे-अच्छे निपट जाएंगे. कांग्रेस के बड़े से बड़े नेताओं की इस 'लाल डायरी' का नाम सुनते ही बोलती बंद हो रही है. ये लोग भले ही मुंह पर ताला लगा लें, लेकिन ये लाल डायरी इस चुनाव में पूरी कांग्रेस का डिब्बा गोल करने जा रही है.'

क्यों अशोक गहलोत ने किया पलटवार?
प्रधानमंत्री की रैली के कुछ देर बाद मुख्यमंत्री आवास पर 'लाभार्थी संवाद' कार्यक्रम में अशोक गहलोत ने कहा कि 'असली लूट तो आपने 1150 रुपये में 'लाल सिलेंडर' बेचकर मचा रखी है, लाल टमाटर 150 रुपये में बेचा जाता है, गुस्से में लोगो का चेहरा लाल हो गया है क्योंकि उनकी आय महंगाई के बोझ के कारण प्रभावित होती है. प्रधानमंत्री को उन्हें राहत प्रदान करने के बारे में बात करनी चाहिए थी कि लोगों को कैसे राहत दी जाए.'

मुख्यमंत्री ने कहा कि लाल डायरी को लेकर जानबूझ कर प्रचार किया गया और राजेंद्र गुढ़ा को 'मोहरा’ बनाया गया. उन्होंने कहा, 'विधानसभा के अंदर 50-60 डायरियां लहराई गईं… कल मैंने सुना कि उन्हें संसद में भी लहराया गया था, तो क्या मोदी इतने घबरा गये हैं? वे इतने घबरा गये हैं कि कुछ भी बोल रहे हैं.' लाल डायरी का फिर जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि एक ऐसी डायरी को लेकर राजनीति हो रही है जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है. महिला अत्याचार को लेकर विधानसभा में अपनी ही सरकार को घेरने पर बर्खास्त किए जाने के एक दिन बाद गुढ़ा ने सोमवार को विधानसभा में एक लाल डायरी लहराई थी. 

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भाजपा विधायकों ने प्रतीकात्मक 'लाल डायरियां' भी लहराईं थी. उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री को डायरी के बारे में जानकारी क्यों नहीं मिल सकी, जबकि प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग और केंद्रीय जांच ब्यूरो जैसी एजेंसियां उनके अधीन हैं. (इनपुट: भाषा)

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