सचिन पायलट को मानसिक दिवालिया क्यों बता रहे हैं अशोक गहलोत? जानिए इनसाइड स्टोरी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 26, 2023, 06:50 AM IST

सचिन पायलट और अशोक गहलोत. (फाइल फोटो-PTI)

अशोक गहलोत ने कहा है कि पेपर लीक से प्रभावितों को मुआवजे की मांग बुद्धि का दिवालियापन है. वह एक के बाद सचिन पायलट पर सियसी हमले कर रहे हैं.

डीएनए हिंदी: राजस्थान कांग्रेस की रार अभी तक सुलझी नहीं है. पार्टी आलाकमान से लेकर राज्य कांग्रेस प्रभारी तक, माथापच्ची कर-कर के थक गए हैं, राजस्थान के लिए कोई नई राह नहीं निकल पा रही है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक-दूसरे के खिलाफ अब जुबानी जंग पर उतर आए हैं. अशोक गहलोत ने बिना नाम का जिक्र किए, सचिन पायलट को मानसिक दिवालिया बता दिया है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को सचिन पायलट पर कहा कि पेपर लीक से प्रभावित उम्मीदवारों को मुआवजे देने की उनकी मांग बुद्धि के दिवालियापन को दर्शाती है. अशोक गहलोत ने यह भी कहा कि विपक्ष ने पेपर लीक के बारे में बात करना शुरू कर दिया है क्योंकि उसके पास राजस्थान में कांग्रेस सरकार को निशाना बनाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है. 

'26 लाख लोगों को मुआवजा कैसे दे सरकार'

अशोक गहलोत ने गुरुवार शाम को सिंधी कैंप में नवनिर्मित अत्याधुनिक बस टर्मिनल का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन के दौरान कहा, 'पेपर आउट कहां नहीं हो रहे हैं? कानून हमने बनाया है. हम पेपर आउट करने वालों को जेल भेज रहे हैं. हमने 200 लोगों को जेल भेज दिया. ऐसे लोगों को किस राज्य ने जेल भेजा है? विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वे पेपर आउट की बात करेंगे और कहेंगे कि जो 26 लाख लोग बैठे उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए.'

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सचिन पायलट को मानसिक दिवालिया बता गए गहलोत

अशोक गहलोत ने कहा, 'इसे आप क्या कहेंगे? इसे बुद्धि का दिवालियापन नहीं कहेंगे? दुनिया के इतिहास में किसी ने कभी मांग की कि पेपर आउट हो गए तो जो बच्चे परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनको मुआवजा दो. क्या मुआवजा दे सकती है सरकार?'

क्यों अशोक गहलोत ने कही ये बात?

अशोक गहलोत का यह बयान, सचिन पायलट की एक मांग को लेकर था. पेपर लीक से प्रभावित कुछ उम्मीदवारों के लिए सचिन पायलट ने सरकार से आग्रह किया था कि उन्हें मुआवजा दिया जाए. सचिन पायलट की अन्य मांगों में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को भंग कर उसका पुनर्गठन करना और भारतीय जनता पार्टी के पिछले शासन के दौरान भ्रष्टाचार की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करना शामिल है. सचिन पायलट के कुछ मांगों का बीजेपी ने भी समर्थन किया है. (इनपुट: भाषा)

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