डीएनए हिंदी: यूनिफॉर्म किसी भी संस्थान की पहचान होती है. ऐसे में उसमें किया गया कोई भी बदलाव सवालों के घेरे में आ ही जाता है. मामला जब पुलिस जैसी संस्था से जुड़ा हो तो विवाद लाजिमी है. ऐसा ही हुआ जब लोकसभा में पूछा गया कि क्या गृह मंत्रालय के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस की वर्दी पर लगे अशोक स्तम्भ के निशान को हटा दिया गया है ? और क्या यह अशोक स्तम्भ का अपमान नहीं है ?
सरकार का जवाब नहीं हटाया अशोक स्तम्भ
सरकार ने जवाब दिया कि पुलिस की वर्दी से अशोक स्तम्भ को नहीं हटाया जा रहा है. बल्कि अशोक स्तम्भ के साथ-साथ दिल्ली पुलिस की वर्दी पर एक और “निशान” जुड़ गया है. गृह मंत्रालय की ओर से दिए गए लिखित जवाब में बताया गया कि जो राज्य पुलिस बल राष्ट्रपति द्वारा प्रेसिडेंट कलर से सम्मानित होते हैं, वो पुलिस महानिदेशक की अनुमति के आधार पर “निशान” (इनसिग्निया) पहन सकते हैं.
16 फरवरी से हुए हैं बदलाव
इस बारे में दिल्ली पुलिस महानिदेशक की ओर से 12 फरवरी 2021 को आधिकारिक आदेश जारी हुए थे. जिसमें कहा गया था कि दिल्ली पुलिस के 75वें स्थापना दिवस से सारी दिल्ली पुलिस को “निशान” पहना शुरू कर देना चाहिए. आदेश में आगे कहा गया है कि साल 1954 में देश के राष्ट्रपति के द्वारा दिल्ली पुलिस को ये “निशान” दिया किया गया था.
क्या है दिल्ली पुलिस का “निशान”?
दिल्ली पुलिस की वर्दी में दाहिनी तरफ बने इस ‘निशान’ में लाल व नीले रंग के मिश्रण वाले इस प्रतीक चिन्ह में बीच में इंडिया गेट की आकृति बनी है. इसमे ऊपर दिल्ली पुलिस और नीचे की तरफ दिल्ली पुलिस का स्लोगन शांति सेवा न्याय लिखा होगा. इसके साथ बाहरी हिस्से में फॉर दि नेशनल कैपिटल अंकित किया गया है.
इनपुट - अभिषेक सांख्यायन
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