डीएनए हिंदी: असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने गुरुवार को दावा किया कि वह गुजरात विधायक जिग्नेश मेवाणी (Jignesh Mevani) की पहचान से अनजान हैं. वह जिग्नेश मेवाणी को नहीं जानते हैं.
जिग्नेश मेवाणी की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने कहा कि वह किसी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध कैसे ले सकता हैं जिसे वह नहीं जानते हैं. सीएम हिमंत ने कहा, 'मुझे नहीं पता वह कौन है?'
हिमंत बिस्वा सरमा ने पत्रकारों का जवाब देते हुए कहा, 'मुझे मामले की बारीकियों की जानकारी नहीं है. जब मैं उन्हें नहीं जानता तो प्रतिशोध की राजनीति क्यों करूंगा? कांग्रेस शासित राज्यों में पर्याप्त सबूत होंगे जहां ट्वीट को गंभीरता से लिया जाता है.'
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3 दिन की पुलिस रिमांड हैं जिग्नेश मेवाणी
गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को यहां की एक अदालत ने तीन दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है. इससे पहले निर्दलीय विधायक को एक कथित ट्वीट की वजह से गिरफ्तार कर असम लाया गया था. कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक मेवानी को शाम को अहमदाबाद से गुवाहाटी होते हुये कोकराझार लाया गया और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया.
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जिग्नेश मेवाणी के अधिवक्ता मनोज भगवती ने बताया, 'पुलिस ने 14 दिन की हिरासत मांगी, जिस पर हमने आपत्ति जताई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद तीन दिन का पुलिस रिमांड दिया और कहा कि इस दौरान उन्हें कोकराझार के बाहर कहीं भी नहीं ले जाया जा सकता है.'
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किन धाराओं के तहत दर्ज हुआ है केस?
जिग्नेश मेवाणी के मुताबिक भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153ए के अलावा मेवानी के खिलाफ धारा 295ए (धार्मिक भावनाएं आहत करने के लक्ष्य से किया गया गलत व्यवहार) और 504 (शांति भंग करने की मंशा से किया गया कार्य) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.
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