'NRC नहीं तो आधार कार्ड नहीं', असम में 'ऑपरेशन घुसपैठिया' के बीच Himanta Biswa Sarma ने तय किया नियम, जानें क्या है पूरी बात

कुलदीप पंवार | Updated:Sep 08, 2024, 09:33 AM IST

Himanta Biswa Sarma News: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. सीएम का बुलडोजर लगातार अवैध घुसपैठियों के घरों और ठिकानों को ध्वस्त कर रहा है. इस बीच आधार कार्ड का नियम आया है.

Himanta Biswa Sarma News: असम में बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का 'ऑपरेशन घुसपैठिया' लगातार जारी है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्टाइल में सरमा ने भी अवैध अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर एक्शन छेड़ रखा है. इससे जहां सरकारी जमीनें कब्जामुक्त हो रही हैं, वहीं अवैध घुसपैठियों की भी जांच हो जा रही है. इस बीच सरमा एक और नया नियम ले आए हैं. देश में भले ही अब तक असम की NRC (National Register of Citizens) को लेकर बहस जारी है, लेकिन मुख्यमंत्री सरमा ने कहा है कि राज्य में आधार कार्ड बनवाने के लिए NRC एप्लिकेशन नंबर बताना जरूरी होगा. 

SOP बनाएगी राज्य सरकार

सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,'असम में नया आधार कार्ड बनवाने के लिए आवेदन करने वाले शख्स को उसके साथ अपनी एनआरसी आवेदन रसीद संख्या (ARN) भी बतानी होगी. यह नियम आगामी एक अक्टूबर से लागू हो जाएगा, जिसके लिए एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की जाएगी.'

क्यों उठाया जा रहा है ये कदम?

सरमा ने इस कदम को उठाने का कारण भी बताया है. उन्होंने कहा,' असम में आधार कार्ड आवदेनों की संख्या जनसंख्या से भी ज्यादा होना यहां संदिग्ध नागरिकों की मौजूदगी दिखा रहा है. इसी कारण तय किया गया है कि नए आवेदक से एनआरसी आवेदन संख्या भी ली जाएगी. यह नियम उन 9.55 लाख लोगों पर लागू नहीं होगा, जिनके बायोमीट्रिक्स राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) प्रक्रिया के दौरान लॉक हो चुके हैं. उन्हें उनके आधार कार्ड दिए जाएंगे. साथ ही चाय बागान इलाकों में भी यह नियम फिलहाल लागू नहीं होगा, जहां बायोमेट्रिक मशीनों की कमी जैसी व्यवहारिक कठिनाइयों के चलते कई लोगों ने अपने आधार कार्ड नहीं बनवाए हैं.' सरमा ने बताया कि चार जिलों बारपेटा (कुल अनुमानित जनसंख्या से 103.74 प्रतिशत ज्यादा आवेदन), धुबरी (103 प्रतिशत), मोरीगांव और नौगांव (101 प्रतिशत) में जनसंख्या से ज्यादा आधार कार्ड आवेदन मिले हैं. केंद्र ने राज्य सरकारों को यह निर्णय लेने का अधिकार दिया है कि किसी व्यक्ति को आधार कार्ड जारी किया जाए या नहीं. 

जिला आयुक्त की जांच के बाद मिलेगा आधार कार्ड

हिमंता ने कहा,' आधार कार्ड के नए आवेदन की जांच संबंधित जिला आयुक्त करेगा और नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी करेगा. यह सर्टिफिकेट बारीकी से जांच के बाद ही जारी होगा. आवेदक के पास एनआरसी एआरएन होना, उसकी 2014 से पहले राज्य में मौजूदगी स्पष्ट करेगा और उसका आधार कार्ड जारी हो जाएगा. 

क्या होगा इस नियम से लाभ?

सरमा ने कहा,'आधार कार्ड जारी करने में राज्य सरकार ज्यादा सख्ती बरतेगी. असम में आधार कार्ड बनवाना आसान नहीं होगा. इस नियम से राज्य में अवैध घुसपैठियों का आगमन रुकेगा. उम्मीद है कि अन्य राज्य भी आधार कार्ड जारी करने में सख्ती बरतेंगे.'

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