डीएनए हिंदी: Uttar Pradesh News- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कॉल्विन हॉस्पिटल के बाहर ठीक उस जगह गुरुवार दोपहर फिर से गोलियों की 'ठांय-ठांय' सुनाई दी, जहां शनिवार 15 अप्रैल की रात को दुर्दांत माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या हुई थी. दरअसल पुलिस हिरासत में हुई इस हत्या की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) और न्यायिक आयोग की टीम ने उस हत्याकांड का सीन रिक्रिएट कराया. इसके लिए दो युवकों को अतीक और अशरफ बनाकर पुलिस जीप से ठीक उसी तरह उतारा गया, जैसे उस दिन दोनों को उतारकर पुलिस टीम अस्पताल के अंदर लेकर जा रही थी. गुरुवार को फिर से मीडियाकर्मी बनकर आए शूटर्स ने गोली मारी, जिन्हें 10 सेकंड के अंदर मौके पर ही पकड़ लिया गया. इस दौरान जांच टीम के मेंबर्स ने इंच टेप लेकर घटनास्थल पर कई जगह नाप-जोख भी की.
वारदात का घटनाक्रम समझने की कोशिश
क्राइम सीन का रिक्रिएशन उस घटना के तरीके और पूरी वारदात को समझने के लिए किया जाता है. अतीक और अशरफ की हत्या में भी इसी कारण क्राइम सीन का रिक्रिएशन किया गया. सीन रिक्रिएशन में गोलियां लगने का मिलान दोनों के शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मिले बुलेट स्पॉट से किया गया. कई नक्शे भी घटनास्थल से मैच कराए गए. इस दौरान हत्या के दौरान मौजूद रहे धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश मौर्य और उस दौरान घायल हुए सिपाही मान सिंहको भी घटनास्थल पर बुलाकर जानकारी ली गई. यह सारी कवायद इसलिए की गई ताकि टीम यह समझ सके कि शनिवार की रात को वास्तव में क्या और कैसे हुआ था.
फोरेंसिक टीम को भी बुलाया मौके पर
जांच टीम ने अतीक-अशरफ की हत्या के बाद मौका-ए-वारदात से सबूत जुटाने के लिए जांच करने वाली फोरेंसिक टीम को भी वहां तलब किया. लखनऊ से आई फोरेंसिक टीम से भी कई तरह के सवाल-जवाब किए गए और पोस्टमार्टम रिपोर्ट को भी समझने की कोशिश की गई. एसआईटी के अलावा न्यायिक आयोग के अध्यक्ष पूर्व जज अरविंद कुमार त्रिपाठी, पूर्व जज बृजेश कुमार सिंह और पूर्व डीजी सुबेश कुमार सिंह ने भी घटनास्थल की जांच की और गवाहों से पूछताछ की.
हत्यारों से मिली जानकारी से भी जोड़ी कड़ियां
एसआईटी और न्यायिक आयोग की टीम ने अतीक-अशरफ के हत्यारों से पूछताछ के दौरान सामने आए तथ्यों का भी घटनास्थल से मिलान किया है. इसके अलावा गुरुवार को दोनों टीम ने कॉल्विन हॉस्पिटल के डॉक्टरों से भी बात की और अंदर का भी हाल देखा है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.