डीएनए हिंदी: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) और उनके बेटे अब्दुल्ला की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. 15 साल पुराने एक मामले में मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सोमवार को दोषी करार देते हुए आजम खान और उनके बेटे को दो-दो साल की सजा सुनाई है. इस सजा के बाद स्वार से विधायक अब्दुल्ला (Abdullah Azam) की सदस्यता जाना तय हो गया है. बता दें कि इससे पहले रामपुर सदर विधानसभा से आजम खान की विधायकी चली गई थी. हेट स्पीच के मामले में सपा नेता को कोर्ट ने दोषी मानते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी.
वहीं, इसी मामले में कोर्ट ने सपा के दो विधायकों समेत 7 लोगों को बरी कर दिया है. अदालत ने अमेरोहा से सपा विधायक महबूब अली, पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी (अब कांग्रेस में), बिजनौर से सपा नेता नईम उल हसन, डीपी यादव, राजेश यादव और राकुमार प्रजापति को बरी कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला की जमानत अर्जी मंजूर कर ली. साथ ही सजा पर अपील दाखिल करने के लिए एक महीने का समय दिया है.
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बसपा सरकार के दौरान 31 दिसंबर 2007 की रात रामपुर के CRP ग्रुप केंद्र पर आतंकी हमला हुआ था. इस हमले के बाद पुलिस आतंकियों की तलाश कर रही थी. इसी क्रम में हमले के अगले दिन 1 जनवरी 2008 को मुरादाबाद में पुलिस ने आजम खान की गाड़ी को चेंकिंग के लिए रोक लिया था. इस बात से नाराज होकर आजम खान ने अन्य सपा नेताओं के साथ सड़क पर जाम लगा दिया था. आजम खान पर थाना छजलैट के आगे हरिद्वार मुरादाबाद स्टेट हाइवे को जाम करने का आरोप था.
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पुलिस ने इस मामले में आजम खान समेत अन्य नेताओं पर सड़क जाम करने, बलवा करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था. कोर्ट ने अब इस मामले में आजम खान और उनके बेटे को दोषी मानते हुए 2-2 साल की सजा सुनाई है.
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